आज कल युवाओ में कार्डियक अरेस्ट के मामले में काफी बढ़ोतरी हो रही हैं. (Risk of Cardiac Arrest) आए दिन कोई न कोई युवा सिर्फ कार्डियक अरेस्ट के कारण अपनी जान गवा रहा हैं और कार्डियक अरेस्ट के मामले देश में दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं जोकि काफी चौकाने वाली बात हैं. क्यूंकि आज कल 20 से 22 वर्ष के युवा भी कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो रहे हैं. जोकि काफी आश्चर्यचकित हैं| कार्डियक अरेस्ट का ऐसा ही एक मामला सामने आया हैं जहा एक दुल्हन की दूल्हे को वरमाला पहनाने के बाद मौत हो गई। यह मामला लखनऊ के पास मलिहाबाद क्षेत्र का है। दूल्हा-दुल्हन स्टेज पर एक दूसरे के सामने खड़े थे। दूल्हे ने दुल्हन शिवांगी को वरमाला पहनाई, इसके बाद जब शिवांगी की बारी आई, तो वह दुल्हे को वरमाला पहनाकर स्टेज पर ही गिर पड़ी।
जिसके बाद दुल्हन के परिजनों द्वारा दुल्हन को फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। खबरों के अनुसार, दुल्हन की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई। इतनी कम उम्र में कार्डियक अरेस्ट पड़ने का यह पहला मामला नहीं है। इस साल ऐसे कई मामले देखे गए हैं, जिसमें कम उम्र के लोगों की जान दिल का दौरा या फिर कार्डियक अरेस्ट की वजह चली गई।
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युवाओं में अचानक कार्डियक अरेस्ट आने के मामले पिछले कुछ समय (Risk of Cardiac Arrest) में काफी बढ़ गए हैं या कह सकते हैं कि सामने आने लगे हैं। अमेरिका के सीडीसी का अनुमान है कि अमेरिका में करीब 2000 युवा जिनकी उम्र 25 साल से कम है, अचानक आए कार्डियक अरेस्ट की वजह से जान गंवा बैठते हैं। तो आइए जानें कि आखिर कार्डियक अरेस्ट क्या होता है और इससे जान कैसे बचाई जा सकती है।
कार्डियक अरेस्ट?
कार्डियक अरेस्ट तब आता है, जब दिल अचानक ब्लड को पम्प करना बंद कर देता है या फिर दिल की धड़कने बंद हो जाती हैं। ऐसा आमतौर पर बिना किसी चेतावनी के होता है। जब किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आता है, तो वह अचानक ज़मीन पर गिर जाता है, बेहोश हो जाता है और सामान्य रूप से सांस नहीं ले पाता है। बिना वजह बेहोश हो जाना, सीने में दर्द या फिर सांस लेने में तकलीफ और परिवार में कार्डियक अरेस्ट का इतिहास, कुछ ऐसे संकेत हैं, जिन पर नज़र ज़रूर रखनी चाहिए| कार्डियक अरेस्ट से मौत भी हो सकती है, अगर समय से इसका इलाज न किया जाए।
युवाओं में कार्डियक अरेस्ट के कारण क्या हैं?
कार्डियक अरेस्ट के कारण आमतौर पर एक व्यक्ति की उम्र पर भी (Risk of Cardiac Arrest) निर्भर करते हैं। 35 से ज़्यादा की उम्र वाले लोगों में आमतौर पर कार्डियक अरेस्ट कोरोनरी आर्टेरी डिज़ीज़ की वजह से होते हैं। वहीं, युवा लोगों में कार्डियक अरेस्ट के कारण कई हो सकता हैं:
- हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic Cardiomyopathy)
यह दिल के रोग का एक जटिल प्रकार है, जिसमें हृदय की मांसपेशी बहुत मोटी हो जाती है।
- कोरोनरी आर्टरी अबनॉर्मलिटीज़ (Coronary Artery Abnormalities)
कई लोग ऐसे कोरोनरी आर्टरीज़ के साथ पैदा होते हैं, जो आपस में असामान्य तरीके से जुड़ी होती हैं। जिसकी वजह से एक्सरसाइज़ करने के दौरान हृदय की मांसपेशियों तक रक्त की आपूर्ति कम हो सकती है, जिसकी वजह से कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
- लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम (long QT syndrome)
इस तरह का हार्ट रिदम डिसॉर्डर जेनेटिक होता है और तेज व अराजक (Risk of Cardiac Arrest) दिल की धड़कन पैदा कर सकता है।
- ब्रुगाडा सिंड्रोम (Brugada syndrome)
एक आनुवंशिक विकार जो हृदय की सामान्य लय को बाधित करता है। हृदय की संरचनात्मक असामान्यताएं, हृदय की मांसपेशियों में सूजन आदि युवा वयस्कों में अचानक कार्डियक अरेस्ट के कुछ अन्य कारण हैं।
क्या अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट को रोका जा सकता है?
कुछ चीज़ों को देख ज़रूरी कदम उठाए जाएं, तो अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट से बचा जा सकता है:
- परिवार में इतिहास
अगर आपके परिवार में अचानक कार्डियक अरेस्ट आने का इतिहास है, तो आपको अपने डॉक्टर से स्क्रीनिंग के विकल्प के बारे में बात ज़रूर करनी चाहिए। इससे आप अचानक मृत्यु से बचेंगे।
- डीफिब्रिलेटर और सीपीआर (Defibrillator and CPR)
डीफिब्रिलेटर हर जगह उपलब्ध होता है और अचानक आए कार्डियक (Risk of Cardiac Arrest) अरेस्ट में जान बचाने में काम आता है। कार्डियक अरेस्ट होने पर एक डीफिब्रिलेटर सामान्य दिल की धड़कन को बहाल करने के लिए जल्दी से बिजली का झटका देने का काम करता है। इसके अलावा स्कूलों, कॉलेजों और ऑफिस में सीपीआर देने की ट्रेनिंग सभी को देनी चाहिए।
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- चेतावनी के संकेत
कार्डियक अरेस्ट से जान बचाने के लिए सबसे ज़रूरी है चेतावनी के संकेतों को समझना और जल्दी से मेडिकल मदद लेना जिससे जान को बचाया जा सके। अचानक आने वाला कार्डियक अरेस्ट युवाओं में मौत का बड़ा कारण बना हुआ है। कुछ ऐसे खेल भी हैं, जिनमें कार्डियक अरेस्ट का ख़तरा बढ़ जाता है। इस बारे में आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। इसके अलावा कार्डियक अरेस्ट एक्सरसाइज़ करते वक्त, आराम करते वक्त या फिर सोते वक्त भी हो सकता है। जिन लोगों में कार्डियक अरेस्ट का जोखिम ज़्यादा होता है, उन्हें अपने डॉक्टर से बचाव के तरीकों के बारे में ज़रूर बात करनी चाहिए।
- लाइफस्टाइल में बदलाव
ऐसी लाइफस्टाइल चुनें जो आपकी दिल की सेहत के लिए अच्छी हो। (Risk of Cardiac Arrest) समय पर चेकअप करवाएं, दिल की बीमारियों के लिए स्क्रीनिंग भी करवाएं, ताकि अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट से बचा जा सके। हमे अपने खाने पर भी ध्यान देना चाहिए क्यूंकि अच्छा खाना सेहत के लिए अच्छा होता हैं और बीमारियों को दूर रखने के लिए भी हैल्थी खाना बहुत ज़रूरी हैं और प्रॉपर एक्सरसाइज भी ज़रूरी हैं|
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। यदि आपके कोई प्रश्न या चिंताएं हैं तो हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।