नई दिल्ली। भारत को अगर वर्ष, 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना है तो उसे 10 ट्रिलियन डालर से अधिक के निवेश की आवश्यकता होगी। जीई-ईवाई द्वारा जारी एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि निकट भविष्य में भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए कोयले से बनाई गई बिजली पर ही निर्भर रहेगा। ऐसे में उसे ऐसी तकनीक का उपयोग करना होगा, जिसका कोयले से बिजली बनाने के दौरान उपयोग किया जाए तो कार्बन उत्सर्जन कम हो।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीओपी-26 (2021 में हुआ 26 वां संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन) में 2070 तक भारत द्वारा शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने का एलान किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत को लक्ष्य हासिल करना है तो उसे ऊर्जा क्षेत्र में आयात निर्भरता को दूर करना होगा। रिपोर्ट में ग्रीन एनर्जी के लिए वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ग्रीन बांड बाजार जैसे नीतिगत उपाय करने की भी जरूरत बताई गई है
उधर, ईवाई-फिक्की की एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि 113 गीगावाट ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए चार लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से कुल 8,96,500 नए रोजगार सृजित होंगे।