नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजारों में बिकवाली और विदेशों में मजबूत ग्रीनबैक के रूप में शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे टूटकर 77.85 (provisional) पर बंद हुआ, जिससे निवेशक भी काफी प्रभावित हुए हैं। फॉरेक्स ट्रेडर्स ने कहा कि लगातार विदेशी पूंजी के आउटफ्लो, कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में बढ़ोतरी के कारण ऐसा हुआ है। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार (interbank forex market) में भारतीय करेंसी 77.81 के स्तर पर ओपन हुई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट ने कहा
कमजोर मैक्रो डेटा और मजबूत डॉलर सूचकांक के बीच भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने कहा कि रुपया 77.8725 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया, क्योंकि केंद्रीय बैंक हस्तक्षेप करने से अलग रहता है। उन्होंने कहा कि डॉलर इंडेक्स, जो छह मुद्राओं के बास्केट के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाता है। डॉलर 0.20 प्रतिशत मजबूती के साथ 103.43 के स्तर पर पहुंच गया है।
आपको बता दें कि क्रूड ऑयल की कीमतें आसमान छू रही हैं। पिछले दस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.51 प्रतिशत बढ़कर 123.70 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। वहीं, घरेलू इक्विटी बाजार की बात करें तो बीएसई सेंसेक्स 1,016.84 अंक या 1.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,303.44 पर बंद हुआ, जबकि व्यापक एनएसई निफ्टी 276.30 अंक या 1.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,201.80 पर बंद हुआ। वहीं, स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक गुरुवार को पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता थे, क्योंकि उन्होंने 1,512.64 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की थी।