नई दिल्ली। रुपये में पिछले लंबे वक्त से गिरावट का दौर जारी था। हर गुजरते दिन के साथ रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर के अपने आंकड़े को पार कर रहा था। लेकिन 19 अक्टूबर की सुबह रुपया डॉलर के मुकाबले 80 के मनोवैज्ञानिक आंकड़े को भी पार कर गया। इससे पहले सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 79.9 पर बंद हुआ था। लेकिन मंगलवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 80.05 के आंकड़े पर पहुंच गया।
यूरोपियन सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में करेगा इजाफा
पिछले हफ्ते डॉलर का इंडेक्स बढ़कर 109.2 हो गया था, जो कि सितंबर 2022 से अब तक सबसे ज्यादा है। इस साल डॉलर रुपये के मुकाबले में अब तक करीब 7.5 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज कर चुका है। यूरोपियन सेंट्रल बैंक की तरफ से गुरुवार को मीटिंग प्रस्तावित है। यह पहला मौका है, जब 11 साल में पहली बार ब्याज दरों में इजाफा किया जा रहा है। इस यूरोपियन सेंट्रल बैंक की बैठक में ब्याज दरों में इजाफा होगा, जिससे डॉलर के मुकाबले यूरो में गिरावट हो सकती है।
रुपये में गिरावट का दौर रहेगा जारी
डॉलर इंडेक्स में मुनाफावसूली के बावजूद रुपये में लगातार गिरावट जारी है। वही कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर उछाल आया। लेकिन इस दौरान रुपये की बढ़त सीमित रही। हालांकि घरेलू शेयर बाजारों में रिकवरी ने रुपये को निचले स्तर में थोड़ा सुधार करने का काम किया। एक्सपर्ट को उम्मीद है कि इस सप्ताह रुपये में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सप्ताह के आखिरी तक रुपये डॉलर के मुकाबले 80.55 के आंकड़े को पार कर सकता है।
रुपये की गिरावट का क्या होगा असर
रुपये में गिरावट से विदेशों से आने वाले सामान महंगे हो जाएंगे। हालांकि भारतीय निर्यात को फायदा होगा। बता दें कि भारत ही नहीं दुनिया की ज्यादातर बड़ी करेंसियों में गिरावट दर्ज की जा रही है। वही भारतीय रुपये में दुनिया की बाकी करेंसी के मुकाबले कम गिरावट है।