जापोरिज्झिया। यूक्रेन के महत्वपूर्ण काला सागर बंदरगाह ओडेसा पर बार-बार मिसाइल हमले हुए हैं। इस हमलें में कुछ हाइपरसोनिक मिसाइल भी शामिल हैं। इस बीच यूक्रेन के एक अधिकारी ने कहा कि मार्च में रूस द्वारा नष्ट की गई एक इमारत के मलबे में 44 नागरिकों के शव पाए गए थे। खार्किव के क्षेत्रीय प्रशासन के प्रमुख ओलेह सिनेहुबोव ने बताया कि नागरिक खार्किव क्षेत्र के इजियम में ढह गई पांच मंजिला इमारत के अंदर मौजूद थे। उन्होंने एक सोशल मीडिया संदेश में मौतों की घोषणा करते हुए कहा, ‘यह रूसी सेना द्वारा एक घनी आबादी वाले क्षेत्र में किया गया हमला है, जो एक भयानक युद्ध अपराध है।’ बता दें कि इजियम (Izyam) एक पूर्वी यूक्रेनी शहर है जिसे रूसी सेना के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है।
रूसी सेना ने दागीं सात मिसाइलें
यूक्रेनी सेना के मुताबिक, रूसी सेना ने ओडेसा में हवा से सात मिसाइलें दागीं, एक शापिंग सेंटर और एक गोदाम को भी निशाना बनाया गया है। सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच घायल हो गए। युद्ध पर नज़र रखने वाले एक यूक्रेनी थिंक टैंक सेंटर फार डिफेंस स्ट्रैटेजीज के अनुसार, एक रूसी सुपरसोनिक बमवर्षक ने तीन हाइपरसोनिक मिसाइलें दागीं गई ।
रूस कर रहा है खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल
गौरतलब है कि यूक्रेनी, ब्रिटिश और अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि रूस तेजी से खतरनाक और सटीक हथियारों के अपने भंडार को खर्च कर रहा है। इसके परिणामस्वरूप अधिक नागरिक मौतें और अन्य संपार्श्विक क्षति हो सकती है। यूक्रेन की सेना ने मंगलवार को चेतावनी दी कि रूस, देश के रासायनिक उद्योगों को निशाना बना सकता है।
पुतीन ने नाटो देशों को दी धमकी
बता दें कि पुतिन लंबे समय से पूर्व सोवियत गणराज्यों में पूर्व की ओर नाटो के धमका रहे हैं। हालांकि, यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने देश को कोई खतरा होने से इनकार किया है।
पुतिन ने कहा है कि खतरा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा था। उन्होंने आगे कहा कि रूस ने आक्रामकता के लिए एक पूर्वव्यापी प्रतिक्रिया दी है। यह मजबूर, समय पर और एकमात्र सही निर्णय था।