लखनऊ। महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने वाले शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर साध्वी प्राची ने बेहद गंभीर आरोप जड़ा है। इतना ही उस आरोप का फल भी मिलने की बात को लेकर उन्होंने एक ट्वीट भी किया है। विश्व हिंदू परिषद के साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तथा भाजपा से जुड़ीं साध्वी प्राची को हिन्दुत्व को लेकर फायरब्रांड माना जाता है।
साध्वी प्राची ने एक ट्वीट करने के साथ ही उद्धव ठाकरे पर संत का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया है। महाराष्ट्र की सत्ता गंवाने वाले शिवसेना प्रमुख पर आरोप लगाने वाली साध्वी प्राची ने कहा है कि उद्धव ठाकरे ने एक बार बयान दिया था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर महाराष्ट्र आये तो उन्हें चप्पलों से मारा जाएगा। साध्वी ने कहा कि अब तो उद्धव ठाकरे को एक संत (योगी आदित्यनाथ) को अपशब्द बोलने का मतलब समझ आ गया होगा। अब कुर्सी से उतरने के बाद उनको इस बार का अहसास जरूर होगा कि संत को आहत करने के बाद कोई भी शख्स संयमित तथा स्थिर नहीं रह सकता है।
इससे पहले भी ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने पर साध्वी प्राची ने इसको फौव्वारा बताने वालों पर जमकर हमला बोला था। हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने कहा कि जो लोग बहन और बेगम में अंतर नहीं जानते हैं, वो फव्वारे और शिवलिंग में अंतर की बात करते हैं। इसके साथ उन्होंने कहा कि जब 400 वर्ष पहले बिजली नहीं थी तो फव्वारा क्या फूंक कर चलाते थे। इसके साथ ही साध्वी प्राची ने कहा कि जैसे राम मंदिर बन रहा है वैसे ज्ञानवापी, मथुरा, कुतुबमीनार और ताजमहल भी बनेगा। अभी तक जो लोग खुदा से डरते थे वो लोग अब खुदाई से डर रहे हैं। साध्वी प्राची ने कहा कि मुगलों ने हमारे मंदिरों को तोड़ा था।
विश्व हिंदू परिषद से ताल्लुक रखने वाली भाजपा नेता साध्वी प्राची दो विषयों में एमए और पीएचडी हैं। वह राम मंदिर आंदोलन के समय से बेहद सक्रिय हैं। साध्वी प्राची मूल रूप से बागपत जिले के गांव सिरसली में एक दलित परिवार से हैं। इनका पूरा परिवार आर्य समाजी है। परिवार में माता-पिता के अलावा परिवार में तीन भाई और एक बहन है। भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। इनके पिता हरबीर सिंह आर्य सरकारी इंटर कॉलेज में शिक्षक थे। साध्वी प्राची ने योग और वेद विषयों में डबल एमए किया। इसके बाद साध्वी ऋतम्भरा की गुरु बहन प्राची ने वेदों पर शोध किया। डाक्टरेट की उपाधि भी हासिल की। उनकी सारी शिक्षा गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार और मुजफ़्फरनगर में हुई। इसके बाद हरियाणा के करनाल में महिला गुरुकुल कॉलेज की प्रिंसिपल भी रहीं। वह बचपन से राष्ट्रीय स्वयं संघ से जुड़ी रहीं। इसके बाद 1995 में प्राची ने भगवा वस्त्र पहने और साध्वी बन गईं।