पुरी का समुद्र तट अपनी सुंदरता के लिए जितना प्रसिद्ध है, उतनी ही खतरनाक इसकी लहरें भी हो सकती हैं। ऐसे में अगर कोई हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा में 24 घंटे डटा हो, तो वह सच्चा नायक कहलाने का हकदार है। पुरी के पारंपरिक मछुआरा समुदाय नोलिया ऐसे ही नायक हैं, जिन्होंने बीते 10 दिनों में 156 लोगों की जान बचाकर यह साबित कर दिया कि सेवा ही उनका धर्म है।
इस सेवा भाव को पहचानते हुए अदाणी समूह ने हाल ही में इन लाइफगार्ड्स को अत्याधुनिक उपकरण जैसे लाइफ जैकेट, रस्सी, टॉर्च और जरूरी सुरक्षा सामग्री प्रदान की। इसके अलावा, नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों को भी फ्लोरोसेंट जैकेट्स और अन्य उपयोगी सामग्री दी गई। यह पहल केवल उपकरण देने तक सीमित नहीं रही, बल्कि इससे इन जमीनी कार्यकर्ताओं के योगदान को भी सम्मान मिला।
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अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, “ये लाइफगार्ड्स न सिर्फ बहादुर हैं, बल्कि उनके भीतर सेवा का गहरा भाव है। उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।” यह पहली बार है जब किसी कॉर्पोरेट समूह ने पुरी तट पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर इतनी गंभीरता दिखाई है।
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नोलिया समुदाय के 450 से अधिक प्रशिक्षित लोग आज ‘पुरी बीच लाइफगार्ड महासंघ’ के अंतर्गत काम कर रहे हैं। समुद्र किनारे फैले लगभग हर महत्वपूर्ण स्थान होटल ज़ोन से लेकर ब्लू फ्लैग बीच तक इनकी निगरानी में हैं। ये लोग सुबह से लेकर देर रात तक चौकस रहते हैं, ताकि कोई हादसा न हो। हर बचाई गई जान इनके साहस और तत्परता की गवाही देती है।
अदाणी समूह की इस पहल ने न केवल नोलिया समुदाय का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि जब सेवा और संवेदनशीलता साथ हों, तो समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है। पुरी तट आज न सिर्फ सुंदर है, बल्कि पहले से कहीं अधिक सुरक्षित भीऔर इसके पीछे हैं वे नायक, जिन्हें अक्सर कैमरे नहीं पहचानते, पर हर डूबते को किनारे लाना जानते हैं।