पंचकूला, 5 जून – राष्ट्रमंडल खेलों के दो बार के स्वर्ण पदक विजेता सतीश शिवलिंगम ने आज युवा एथलीटों को उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए डोपिंग (Doping) से दूर रहने का आह्वान किया। नेशरल एंटी डोपिंग एजेंसी द्वारा आयोजित एक डोपिंग रोधी कार्यशाला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2021 में भाग ले रहे खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए, 29 वर्षीय स्वर्ण पदक विजेता सतीश शिवलिंगम ने एक चैंपियन भारोत्तोलक के रूप में अपनी यात्रा से उन्हें अवगत करवाया।
सतीश ने कहा, ‘मैं अपनी मां का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे बाहर एक कप कॉफी भी नहीं पीने और सावधान रहने के लिए शिक्षित किया क्योंकि मैं अपने शरीर में जाने वाली हर चीज के लिए जिम्मेदार हूं’। उन्होंने बताया कि कैसे साधारण गलतियों से भोजन या पेय में मिलावट से विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं ।
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सतीश ने चोट के इलाज के लिए आवश्यक दवा के लिए टीयूई (चिकित्सीय उपयोग छूट) प्रमाणपत्र हासिल करने के अपने अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने कहा, ‘यदि एक एथलीट चिकित्सा परीक्षण (Doping) और नुस्खे के परिणामों सहित सही दस्तावेज प्राप्त करने में सक्षम है, तो टीयूई प्राप्त करना कठिन प्रक्रिया नहीं है।’
सेंटर फॉर स्पोट्र्स साइंस रिसर्च ब्रिगेडियर (डॉ) बिभु कल्याण नायक ने भी दर्शकों को कुछ व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान की, जिसमें उन्हें अपनी बीमारी या चोट के इलाज के लिए डोपिंग (Doping) रोधी नियमों के उल्लंघन के बारे में कैसे ध्यान रखना चाहिए यह भी शामिल था। उन्होंने कहा, ‘चूंकि नियम सख्त हैं, इसलिए इलाज कराते समय सावधानी बरतना सबसे अच्छा है’।
इंटरैक्टिव कार्यशाला का आयोजन इस विषय पर जागरूकता बढ़ाने और एथलीटों को डोपिंग से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करने के नेशरल एंटी डोपिंग एजेंसी के प्रयासों का हिस्सा है ।