सिरसा। (सतीश बंसल) गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्याम मुरारी नि:स्वार्थ (Salasar Dham) सेवा संस्थान के तत्वावधान में वरिष्ठ सदस्य मनोहर लाल लूथरा ने स्थानीय सालासर धाम मंदिर में प्रसाद के रूप में मिष्ठान व फलों की सवामणि का भोग लगाया। पूरा परिवार बड़े श्रद्धा भाव से बालाजी महाराज के दरबार में सांध्य आरती में भी शामिल हुआ। मनोहरलाल लूथरा ने कहा कि गुरु अपने शिष्य के भीतर असीम संभावनाओं के द्वार खोल देता है।
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इससे व्यक्ति अपनी सीमाओं को पार कर अनंत ब्रह्मांड का अंग बन जाता है। सभी के जीवन में गुरु अवश्य होना चाहिए, जिनके जीवन में गुरु नहीं है, उनको श्रद्धा भाव से गुरु खोजना चाहिए। (Salasar Dham) गुरु मिलने पर नतमस्तक होकर अपना अहंकार उनके चरणों में रख देना चाहिए। जब भी गुरु के सामने जाएं, तब धन, कुटुंब, मान-सम्मान या बड़े पद-प्रतिष्ठा वाले बनकर ना जाएं। केवल श्रद्धा भाव से गुरु के प्रति नतमस्तक हो जाएं।
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इस अवसर पर संस्थान के सदस्य संदीप आहूजा, डा. राज कुमार, सरपंच पवन रहेजा, पंकज मित्तल, दीपक खुराना, सतपाल जोत सहित मनोहर लाल लूथरा के परिवार से राम देवी, वीना लूथरा, कशिश लूथरा, वंशज लूथरा, नारायण दास ढींगरा, नरेश ढींगरा, अंजु ढींगरा, तुश्की ढींगरा, (Salasar Dham) मोहित छाबड़ा, कीर्ति छाबड़ा, तविश छाबड़ा तथा अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। तदउपरांत संगत तथा आमजन में मिष्ठान व फल प्रसाद वितरण किया गया।