मुंबई। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) रिसर्च ने वित्त-वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है। एसबीआइ ने अपने पहले के अनुमान में 20 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में इकोनमी में 8.7 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।
वित्त-वर्ष 2022-23 में 7.5 प्रतिशत रह सकती है वास्तविक जीडीपी
एसबीआई (SBI) के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने कहा कि महंगाई की ऊंची दर और इसके कारण हुई ब्याज दरों में बढ़ोतरी को देखते हुए हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2022-23 में वास्तविक जीडीपी में 11.1 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2022-23 में वास्तविक जीडीपी 7.5 प्रतिशत रह सकती है, जो पिछले अनुमान की तुलना में 20 आधार अंक ज्यादा है।
नॉमिनल जीडीपी 16.1 प्रतिशत बढ़कर 275 लाख करोड़ होने की उम्मीद
नॉमिनल जीडीपी 38.6 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 237 लाख करोड़ रुपये हो गई है। उन्होंने कहा कि चूंकि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में ऊंची मुद्रास्फीति बनी हुई है, इसलिए नॉमिनल जीडीपी 16.1 प्रतिशत बढ़कर 275 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी। बढ़ती कार्पोरेट आय और मुनाफा, सिस्टम में उपलब्ध पर्याप्त नकदी और बढ़ते बैंक क्रेडिट के आधार पर ये अनुमान लगाए गए हैं।
सीमेंट, स्टील समेत निर्माण क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों को मुनाफा
बढ़ती कार्पोरेट ग्रोथ पर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में लगभग दो हजार सूचीबद्ध कंपनियों की वार्षिक आय में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि शुद्ध लाभ में 52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। सीमेंट, स्टील सहित निर्माण क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के राजस्व और मुनाफे में अच्छी वृद्धि देखने को मिली। इस सेक्टर की कंपनियों के राजस्व में जहां 45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, वहीं शुद्ध आय में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई।