राजस्थान के सूर्यनगरी जोधपुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया हैं. (School Administrators) जोधपुर के शेरगढ़ तहसील के सेतरावा गांव में स्थित वीर दुर्गादास सैनिक स्कूल में स्कूल संचालक की ओर से नाबालिक बच्चों को होस्टल में बंधक बनाकर उनके साथ शारीरिक और मानसिक शोषण करने का मामला सामने आया है. इस दौरान पीड़ित बच्चों को पेशान पिलाए जाने का भी गंभीर आरोप लगाया गया है. नाबालिक बच्चों के साथ मारपीट और पढ़ाई से वंचित रखने के इस मामले की शिकायत बच्चों के माता-पिता ने बाल कल्याण समिति न्याय पीठ को की. उसके बाद बच्चों को वहां से रेस्क्यू किया गया|
स्कूली बच्चों के संरक्षक बाल कल्याण समिति न्याय पीठ के पास पहुंचे और एक वीडियो पेश किया. इसमें खुद बच्चों ने व्हाट्सऐप के माध्यम से स्कूल के खिलाफ शिकायत अपने माता-पिता से की थी. बच्चों ने उसकी रिकॉर्डिंग थी. इसमें खुद बच्चों ने व्हाट्सऐप कॉल करके अपने ऊपर हो रही ज्यादतियों को व्यक्त किया था|
यह बात बताई बच्चों ने वाट्सअप कॉल के जरिए
स्कूली बच्चों के संरक्षकों ने बाल कल्याण समिति न्याय पीठ को बच्चों की ओर से किए गए वीडियो कॉल को पेश किया है. इसमें उन्होंने कई गंभीर आरोप स्कूल प्रबंधन पर लगाए हैं. (School Administrators) व्हाट्सऐप कॉल करने वाले पीड़ित बच्चों का आरोप है कि उन्हें यहां से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है. बाहर जाने वाले सभी दरवाजों पर ताले लगा दिए गए हैं. उनका कहना है कि वे दो दिन से हॉस्टल में बंद हैं|
दैनिक कार्यों के लिए भी नहीं जाने दिया जा रहा है
बच्चों ने कहा कि उन्हें दैनिक कार्यों के लिए भी नहीं जाने दिया जा रहा है. पीने के पानी भी बाथरूम से पीने को कहा जा रहा है. हॉस्टल में बच्चों को मानसिक प्रताड़ना देने के इस मामले के उजागर होने के बाद बाल संरक्षण कमेटी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक्शन लिया. कमेटी ने शिक्षा विभाग और संबंधित अधिकारियों से पूरे मामले की जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है|
बाल संरक्षक आयोग की टीम ने पीड़ित बच्चों को किया रेस्क्यू
नाबालिग बच्चों को न्याय दिलाने के लिए बाल संरक्षण आयोग ने शेरगढ़ थाने में इसका केस दर्ज करवाया है. वहीं सभी बंदी छात्रों को रेस्क्यू कर बाल सुधार गृह में संरक्षण में रखा गया है. (School Administrators) यहां बच्चों की काउंसलिंग की जाएगी. इसके बाद पुलिस बच्चों के बयान दर्ज करेगी. बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया है कि मामला सामने आने के बाद तुरंत इस पर संज्ञान लिया गया है|
संचालक ने बच्चों को दो दिन बंधक बनाए रखा था
उन्होंने बताया कि यहां बच्चों को सैनिक स्कूल के संचालक ने दो दिन बंधक बनाए रखा था. बच्चों के साथ यहां एक शिक्षक को भी बंधक बनाए रखा गया. पूरे मामले की जांच अभी चल रही है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह एक प्राइवेट स्कूल है. उसका नाम सैनिक स्कूल रखा गया है. स्कूल प्रबंधन की ओर से यह दावा किया गया था वो अंग्रेजी माध्यम में बच्चों की पढ़ाई करवाएंगे. लेकिन बाद में जब ये वादा पूरा नहीं हुआ तो पैरेंट्स और बच्चों ने इसका विरोध किया. इसके बाद कुछ अध्यापकों ने बच्चों और एक शिक्षक को बंधक बना लिया|
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फूट पड़े बच्चों के माता-पिता
टीम जब बच्चों को रेस्क्यू कर जोधपुर लेकर आई तो उनके साथ उनके माता-पिता भी वहां पहुंचे. अपने मासूम बच्चों की स्थिति को देखकर कई माता-पिता मीडिया से बात करने के दौरान रो पड़े. बच्चों के पेरेंट्स ने स्कूल प्रसाशन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. (School Administrators) जैसलमेर निवासी एक बच्चे की मां ने बच्चों को पानी की जगह पेशाब पिलाए जाने का भी आरोप लगाया है. इसके अलावा बच्चों को अर्धनग्न कर उनके साथ कुछ शिक्षकों द्वारा नशे की हालत में मारपीट और अश्लील हरकतें करने का भी आरोप लगाया गया है|
स्कूल को अंग्रेजी माध्यम स्कूल बताया गया था
पेरेंट्स का कहना है कि स्कूल संचालक ने यह सैनिक स्कूल न होते हुए भी धोखाधड़ी कर उसके नाम पर एडमिशन ले लिए. उनका यह भी आरोप है कि स्कूल को अंग्रेजी माध्यम स्कूल बताया गया था. जबकि उसके पास अंग्रेजी स्कूल की मान्यता ही नहीं है. वहीं स्कूल में कार्यरत शिक्षक भंवरसिह शेखावत जिन्हें बच्चो के साथ बंदी बनाया गया उसने भी कई आरोपों की पुष्टि की है. हालांकि, बच्चों की सूझ-बुझ से मामले का भंडाफोड़ हो गया हैं और आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाई की जाएगी|