सिरसा।(सतीश बंसल) शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल सिरसा के सेमिनार हॉल में शनिवार को National Education Policy 2020 पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल, शाह सतनाम जी बॉयज स्कूल, दयानंद स्कूल चोपटा, विवेकानंद बाल मंदिर, सावन पब्लिक स्कूल, कमला मोंटेसरी स्कूल, महाराजा अग्रसेन स्कूल, सैंट जेवियर स्कूल के अध्यापकों ने भाग लिया। सेमिनार में सीबीएसई रिसोर्स पर्सन राकेश सहगल व सीबीएसई कोऑर्डिनेटर डॉ. राकेश सचदेवा ने शिरकत की। सर्वप्रथम स्कूल प्रधानाचार्या डॉ. शीला पूनिया ने आए हुए अतिथि गण के साथ दीपक प्रज्वलित किया और सेमिनार की शुरुआत की।
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सीबीएसई रिसोर्स पर्सन राकेश सहगल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बहुत से मुद्दों व विशेषताओं की जानकारी उपस्थित अध्यापक गण को दी। डा. सहगल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति बच्चों को आने वाले जीवन के लिए तैयार करेगी। यह पॉलिसी बच्चों को बताएगी कि कैसे सीखा जा सकता है। डॉक्टर सहगल ने बताया कि टीचर के पास बच्चों के भविष्य को बनाने के लिए ,उनको हर वातावरण में ढालने की क्षमता होती है। पॉलिसी के द्वारा बच्चों को भी अधिक से अधिक अपना सब्जेक्ट सिलेक्ट करने के अवसर दिए गए हैं। शारीरिक शिक्षा, वोकेशनल क्राफ्ट्स व आर्ट को लेकर वह अपने भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। (National Education Policy 2020)
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सीबीएसई कोऑर्डिनेटर राकेश सचदेवा ने बताया कि हर सब्जेक्ट का संबंध दूसरे सब्जेक्ट के साथ होता है और हम एक सब्जेक्ट को दूसरे सब्जेक्ट के साथ संबंधित करके किस तरह से पढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सेकेंडरी एजुकेशन में बच्चों को अपनी इच्छा के अनुसार बहुत से सब्जेक्ट में से, अपनी रुचि के अनुसार सब्जेक्ट चॉइस करने की छूट दी है। करिकुलर एक्स्ट्रा
करिकुलर और को करिकुलर के बीच में कोई अंतर नहीं रखा गया है। बच्चा विज्ञान के साथ-साथ आट्र्स के सब्जेक्ट भी पढ़ सकता है। अध्यापक भी बच्चों को सभी सब्जेक्ट को एक दूसरे से जोड़कर पढ़ा सकते हैं। (National Education Policy 2020)
उन्होंने बताया कि हमारे भूत पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि लर्निंग का अर्थ सोचने की स्वतंत्रता, कल्पना की स्वतंत्रता है और एक अच्छा अध्यापक बच्चों में यह गुण भर सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत एक भाषा को दूसरे भाषा के साथ जोड़कर पढ़ाने पर भी बल दिया गया है। इस तरह से बच्चे का सर्वांगीण विकास होगा। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बहुत से मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। अंत में स्कूल प्रधानाचार्या डा. शीला पूनिया इन्सां ने दूसरे स्कूलों से आए हुए सभी अध्यापकों, डा. राकेश सहगल व डा. राकेश सचदेवा का धन्यवाद किया और आने वाले समय में इस तरह के और भी सेमिनार आयोजित करने का वादा किया।