-बाबा साहेब (baba saheb) का ‘‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’’ का नारा आज भी उतना ही प्रासंगिक-सांसद
– बाबा साहेब (baba saheb) के सम्मान में भारत सरकार द्वारा पंचतीर्थ किए जा रहे हैं विकसित
-हरियाणा सरकार द्वारा गुरूओं और महांपुरूषों की जयंतियों को सरकारी स्तर पर मनाया जा रहा है
पंचकूला, 14 अप्रैल- कुरूक्षेत्र के सांसद श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बाबा साहेब (baba saheb) डाॅ. भीम राव रामजी अंबेडकर ने ‘‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’’ का जो नारा वर्षों पूर्व दिया था वो आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व हरियाणा सरकार ने बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर के दिखाए रास्ते पर चलते हुए गरीब व पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं।
श्री नायब सिंह सैनी आज भारत रत्न डाॅ. बाबा साहेब भीम राव रामजी अम्बेडकर की 131वीं जयंती के अवसर पर पंचकूला के रामगढ़ स्थित अंबेडकर भवन में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर श्री सैनी ने बाबा साहेब डाॅ. भीम राव रामजी अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके साथ पंचकूला के उपायुक्त श्री महावीर कौशिक भी उपस्थित थे।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर भारत के संविधान निर्माता होने के साथ-साथ एक उच्च कोटि के अर्थशास्त्री भी थे और उन्होंने हर क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल किया। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू में जन्में डाॅ. भीम राव अम्बेडकर का जीवन कठिनाईपूर्ण व संघर्षशील रहा। उन्होंने कहा कि डाॅ. भीम राव अम्बेडकर की सोच थी कि जो पीड़ा व कठिनाई उन्होंने सही है वह आने वाली पीढ़ियों को न सहनी पड़े। वे बचपन से ही पढाई में अव्वल रहे और स्काॅलरशिप प्राप्त कर उन्होंने विश्व के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने महिलाओं के कल्याण तथा गरीबों और पिछड़े वर्ग के लोगों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए कार्य किया तथा युवाओं को शिक्षा की प्रेरणा दी।
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श्री सैनी ने कहा कि केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर के दिखाए रास्ते पर बखूबी चल रही है। 2014 में देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर के सम्मान में उनकी जन्म स्थली, कर्म स्थली व तपोस्थली को पंचतीर्थ विकसित करने का निर्णय लिया ताकि युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा मिल सके। उन्होंने कहा कि इन पंचतीर्थों में बाबा भीम राव अम्बेडकर के जन्म स्थान महू, लंडन का वह स्थान जहां वे यू.के में अपनी पढाई के दौरान रहे थे, नागपुर में दीक्षा भूमि-जहां उन्होंने शिक्षा प्राप्त की थी, दिल्ली में महापरिनिर्वाण स्थल और मुम्बई में चैत्य भूमि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपना कर ही हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
सांसद ने कहा कि यह गौरव की बात है कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने हमारे गुरूओं और महापुरूषों की जयंती को राज्य स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अब गुरू रविदास जयंती, महार्षि वाल्मीकि जयंती, कबीर जयंती, अम्बेडकर जयंती तथा अन्य महापुरूषों की जयंती राज्य में बड़ी धूम-धाम से मनाई जाती है। इसी कड़ी में आज पंचकूला के रामगढ़ में बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की जयंजी के अवसर पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने श्री गुरू तेग बहादुर साहिब के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर पानीपत में 24 अप्रैल को राज्य स्तरीय समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है ताकि युवा पीढ़ी ऐसे महापुरूषों व गुरूओं के बलिदानों से प्रेरणा ले सके और हमारे स्वर्णिम इतिहास के बारे में जानकारी हासिल कर सके। उन्होंने लोगों से अपील की कि महापुरूषों की जयंतियों को राज्य स्तर पर मनाने के साथ-साथ इन्हें घर-घर एक पर्व के रूप में भी मनाएं और उनके दिखाए मार्ग पर चल कर देश व प्रदेश के नव निर्माण में अपना योगदान दें।
इससे पूर्व जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय की रजनी और महिला सामाजिक कार्यकर्ता मंगो देवी ने गीत के माध्यम से भीम राव अम्बेडकर के जीवन पर प्रस्तुति दी। इसके अलावा समाज सेवी सुशील कुमार ने बाबा साहेब डाॅ. भीम राव अंबेडकर की शिक्षाओं पर आधारित एक कविता प्रस्तुत की।
इस अवसर पर नगराधीश गौरव चैहान, जिला कल्याण अधिकारी दीपिका, पार्षद परमजीत कौर, बरवाला के मण्डल अध्यक्ष गौतम राणा, विजिलेंस एवं माॅनिटरिंग कमेटी के सदस्य जसमेर सिंह बंजारा, डाॅ. भीम राव अम्बेडकर सभा रामगढ के प्रधान करनैल सिंह तथा सभा के अन्य पदाधिकारी व काफी संख्या में लोग भी उपस्थित थे।