कक्षा आठ में पढ़ने वाली नाबालिग तहेरी साली के अपहरण में बहनोई (वर्तमान में पति) को न्यायालय ने पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की आधी धनराशि पीड़िता को सौंपने के आदेश दिए हैं। जमानत पर छूटने के बाद आरोपी ने पीड़िता से शादी कर ली थी, उस पर दो बच्चे भी हैं।
यह घटना हसनपुर कोतवाली क्षेत्र की एक कॉलोनी की है। यहां पर रहने वाले मजदूर की 16 वर्षीय बेटी कक्षा 8 में पढ़ती थी। मजदूर के भाई का दमाद उसके घर आता जाता था जो 15 दिसंबर 2014 की रात मजदूर की नाबालिग बेटी(साली) को बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया। इस मामले में मजदूर ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जमानत पर छूटने के कुछ दिन बाद आरोपी ने पीड़िता के साथ शादी कर ली थी। जिस पर दो बच्चे भी हैं। फिलहाल आरोपी को पीड़िता पति-पत्नी के रूप में रहते थे।
यह मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष (पॉक्सो एक्ट प्रथम) डॉ.कपिला राघव की अदालत में विचाराधीन चल रहा था। मंगलवार को न्यायालय ने मुकदमे में सुनवाई की। अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट बसंत सिंह सैनी ने पैरवी की। साक्ष्य और सबूतों के आधार पर न्यायालय में दोषी बहनोई (वर्तमान में पति) को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं जुर्माने की आधी धनराशि पीड़िता को सौंपने के आदेश दिए हैं।