नई दिल्ली। जिन लोगों को चश्मा पहनना पसंद नहीं या उन पर कुछ खास नहीं लगता, तो उनके लिए कॉन्टैक्ट लेन्स बेस्ट होते हैं। कॉन्टैक्ट लेन्स सफर करते वक्त या वर्कआउट के दौरान चश्मे की तुलना ज़्यादा आरामदायक होते हैं। साथ ही अगर आप चश्मा पहनते हैं, तो आपको धूप का चश्मा भी पॉवर का अलग से बनवाना पड़ता है। इसके अलावा बारिश में चश्मा पहनने वाले लोगों की मुश्किल हो जाती है, क्योंकि उन्हें कुछ साफ नहीं दिख पाता। यही वजह है कि कई लोगों को कॉन्टैक्ट लेन्स चश्मे से बेहतर लगते हैं।
हालांकि, अगर इनके इस्तेमाल सही तरीके न किया जाए या ध्यान न रखा जाए, तो इससे आंखों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंच सकता है। यहां तक कि आपकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें एक डॉक्टर एक महिला की आंखों से कई सारे लेन्स निकाल रही हैं।
कॉन्टैक्ट लेन्स के नुकसान
आंखों को ऑक्सीजन नही मिल पाती
लेन्स आपके कॉरनिया को पूरी तरह से ढक लेते हैं, जिससे आंखों तक ऑक्सीजन कम पहुंचती है। इसलिए सिलीकॉन हाइड्रोजेल लेन्सेस पहनें, जो सॉफ्ट लेन्स की तुलना आंखों तक बेहतर तरीके से ऑक्सीजन पहुंचाते हैं।
आंखों में डाइनेस हो जाती है
जो लोग कॉन्टैक्ट लेन्स पहनत हैं, उन्हें अक्सर आंखों में ड्राइनेस की शिकायत रहती है। हमारे आंसू कॉर्निया को गीला और हाइड्रेटिंग रखते हैं, लेकिन कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से कॉर्निया तक पहुचने वाले आंसुओं की संख्या को सीमित हो जाती है, जिससे ड्राइनेस होने लगती है। आंसुओं की कमी से ड्राई आई सिन्ड्रोम हो जाता है, जिससे खुजली, जलन और आंखें लाल होने लगती हैं।
कॉर्निया पर खरोंच आ सकती है
लंबे समय तक कॉन्टैक्ट लेन्स पहनने से आपके कॉर्निया पर खरोंच भी आ सकती है। जिससे कॉर्नियल अब्रेशन हो सकता है, अगर लेन्स ठीक से फिट नहीं हैं या जब आपकी आंखें बहुत शुष्क हैं।
कंजेक्टिवाइटिस
अगर आप एक दिन में लंबे घंटों के लिए कॉन्टैक्ट लेन्स पहन लेते हैं, तो इससे कंजेक्टिवाइटिस जैसे इन्फेक्शन का ख़तरा बढ़ जाता है।
कॉर्निया में छाले
कॉर्निया में छाले तब हो जाते हैं जब आंख के कॉर्निया में फंगस, बैक्टीरिया, परजीवी संक्रमण या वायरस के कारण खुला घाव बन जाता है। अगर इस छाले का इलाज समय रहते न कराया जाए, तो इससे हमेशा के लिए आंखों की रोशनी चली जाती है।
गर्भनिरोधक गोलियों से समस्याएं
अगर आप कॉन्टैक्ट लेन्स पहनते हैं और गर्भनिरोधक गोलियां भी लेते हैं, तो आपको सतर्क रहने की ज़रूरत है क्योकि इस कॉम्बीनेशन से आंखे काफी ड्राई हो सकती हैं। ये दवाई भी आंखों तक ऑक्सीजन को पहुंचने नहीं देती और जलन और इन्फेक्शन का कारण बनती है।
कॉर्नियल रिफ्लेक्सिस कमज़ोर हो सकती है
अगर कॉन्टेक्ट को ज़रूरत से ज़्यादा समय के लिए पहना जा रहा है, तो इससे कॉर्नियल रिफ्लेक्स प्रभावित होता है। कॉर्नियल रिफ्लेक्स, हमारी आंखों का एक सुरक्षात्मक तंत्र होता है, जब भी कॉर्निया पर थोड़ा सा दबाव डाला जाता है, तो मस्तिष्क पलकों को हमारी आंखों की रक्षा के लिए नीचे गिरने का संकेत देता है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।