दुनियाभर में कोरोना के केस में बढ़ोतरी हो रही हैं| (Covid Nasal vaccine) चीन में कोरोना से लोगो का बहुत बुरा हाल हैं जिसे देखते हुए भारत ने कोरोना से बचाव के लिए सख्त कदम उठाये हैं| कोरोना की नई लहर के खतरे के बीच भारत में अब जल्द ही नाक से दी जाने वाली कोविड वैक्सीन को प्रयोग में लाया जाएगा. इस वैक्सीन का नाम iNCOVACC है, जिसे भारत बायोटेक ने बनाया है. इस वैक्सीन का इस्तेमाल बूस्टर डोज के तौर पर होगा. ऐसे में जानना जरूरी है कि वैक्सीन कितनी सेफ है? कौन लगवा सकता है? और इसमें बाकी वैक्सीन से क्या अलग है?
केंद्र सरकार ने भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन (Nasal Vaccine) को मंजूरी दे दी है. इस वैक्सीन का नाम iNCOVACC है. कोविन प्लेटफॉर्म पर अब ये वैक्सीन भी उपलब्ध होगी. ये वैक्सीन 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लगाई जाएगी. नाक से दी जाने वाली इस वैक्सीन को बूस्टर डोज पर लगाया जाएगा|
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भारत बायोटेक की इस वैक्सीन को सरकार ने इस साल 6 सितंबर को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी थी. हालांकि, अब तक ये वैक्सीन लगाई नहीं जा रही थी. अब इसे कोविन पोर्टल पर (Covid Nasal vaccine) लिस्टेड करने की मंजूरी भी मिल गई है.
अब कोविन पोर्टल पर भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) और iNCOVACC, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (Covishield) और कोवोवैक्स (Covavax), रूस की स्पूतनिक वी (Sputnik V) और बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की कोर्बीवैक्स (Corbevax) लिस्टेड है|
- क्या है ये वैक्सीन?
– इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और अमेरिका की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ने मिलकर बनाया है. इसे पहले BBV154 नाम दिया गया था. अब इसे iNCOVACC नाम दिया गया है.
– ये दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन है. भारत के ड्रग्स रेगुलेटर ने 6 सितंबर को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.
- कौन लगवा सकेगा ये वैक्सीन?
– ये वैक्सीन अभी 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को ही लगाई जाएगी. 12 से 17 साल के बच्चों का भी वैक्सीनेशन चल चल रहा है, लेकिन वो इसे नहीं लगवा सकते.
-दूसरी बात ये कि इसे बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जाएगा. यानी, जो दो डोज ले चुके हैं, वही ये वैक्सीन ले सकते हैं|
- कैसे लगवा सकेंगे वैक्सीन?
– अगर आपने अब तक बूस्टर डोज नहीं ली है तो ये वैक्सीन लगवा सकते हैं. इसके लिए आपको रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. बूस्टर डोज के लिए रजिस्ट्रेशन CoWin पोर्टल पर होगा. इसके लिए cowin.gov.in पर रजिस्टर करवाना होगा. यहां जाकर आप iNCOVACC को चुन सकते हैं|
- कहां से लगेगी ये वैक्सीन?
– फिलहाल ये वैक्सीन सिर्फ निजी अस्पतालों में ही लगाई जाएगी. (Covid Nasal vaccine) सरकारी अस्पतालों या केंद्रों में ये वैक्सीन नहीं लगेगी|
– बूस्टर डोज के लिए 18 से 59 साल के लोगों को पैसे ही देने पड़ रहे हैं. लिहाजा इस वैक्सीन के लिए भी पैसे देना होगा. हालांकि, अभी तक इसकी कीमत सामने नही आई है|
- कैसे लगाई जाएगी ये वैक्सीन?
– भारत बायोटेक की iNCOVACC वैक्सीन नाक से दी जाएगी. इसमें इंजेक्शन नहीं होगा. इसमें ड्रॉप के जरिए दवा को नाक में डाला जाएगा.
– कंपनी के मुताबिक, इसकी दो डोज है. हर डोज में 4-4 ड्रॉप नाक में डाली जाएगी. (Covid Nasal vaccine) दोनों डोज में चार हफ्ते का अंतर होता है.
- क्या सेफ है ये वैक्सीन?
– तीन फेज के ट्रायल में iNCOVACC असरदार साबित हुई है. कंपनी ने फेज-1 के ट्रायल में 175 और दूसरे फेज के ट्रायल में 200 लोगो को शामिल किया था.
– तीसरे फेज का ट्रायल दो तरह से हुआ था. पहला ट्रायल 3,100 लोगों पर किया गया था, जिन्हें वैक्सीन की दो डोज दी गई थी. वहीं, दूसरा ट्रायल 875 लोगों पर हुआ था और उन्हें ये वैक्सीन बूस्टर डोज के तौर पर दी गई थी.
– कंपनी का दावा है कि ट्रायल में ये वैक्सीन कोरोना के खिलाफ असरदार साबित हुई है. कंपनी के मुताबिक, इस वैक्सीन से लोगों के अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम में कोरोना के खिलाफ जबरदस्त इम्युनिटी बनी है, जिससे संक्रमण होने और फैलने का खतरा काफी कम है|
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- बाकी वैक्सीन से कितनी अलग?
– भारत में अब तक जितनी वैक्सीन लगाई जा रही है, वो सभी इंट्रामस्कुलर (Covid Nasal vaccine) वैक्सीन हैं. इन्हें इंजेक्शन के जरिए बांह में लगाया जाता है.
लेकिन भारत बायोटेक की ये नेजल वैक्सीन है. इसे नाक के जरिए दिया जाएगा. इसका मतलब ये नहीं कि इंजेक्शन नाक में लगाया जाएगा. बल्कि ड्रॉप की तरह इसे नाक में डाला जाएगा.
– नेजल वैक्सीन को मस्कुलर वैक्सीन से ज्यादा असरदार माना जाता है. उसकी वजह ये है कि जब इंजेक्शन के जरिए बांह में वैक्सीन लगाई जाती है तो वो संक्रमण से फेफड़ों को बचाती है. लेकिन नेजल वैक्सीन नाक में दी जाती है और ये नाक में ही वायरस के खिलाफ इम्युनिटी बना देती है जिससे वायरस शरीर के अंदर नहीं जा पाता|
- नेजल वैक्सीन काम कैसे करती है?
कोरोना समेत ज्यादातर वायरस म्युकोसा के जरिए शरीर में जाते हैं. म्युकोसा नाक, फेफड़ों, पाचन तंत्र में पाया जाने वाला चिपचिपा पदार्थ होता. नेजल वैक्सीन सीधे म्युकोसा में ही (Covid Nasal vaccine) इम्युन रिस्पॉन्स पैदा करती है, जबकि मस्कुलर वैक्सीन ऐसा नहीं कर पाती.
इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी बताया था कि नेजल वैक्सीन बेहतर है क्योंकि इन्हें लगाना ज्यादा आसान है और ये म्यूकोसा में ही इम्युनिटी बना देता है, जिससे संक्रमण से शुरुआत में ही बचा जा सकता है|
- कोविशील्ड ली थी तो क्या ये लगवा सकते हैं?
चूंकि ये वैक्सीन बूस्टर डोज के तौर पर लगाई जाएगी, ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि अगर पहली दो डोज कोविशील्ड की ली थी तो क्या तीसरी डोज iNCOVACC की ले सकते हैं.
– दरअसल, भारत बायोटेक की iNCOVACC वैक्सीन का इस्तेमाल Heterologous Booster के तौर पर किया जाएगा. यानी, अगर आपने पहली दो डोज किसी और वैक्सीन की भी ली होगी तो भी बूस्टर के तौर पर इसे ले सकते हैं.
- कब से लगवा सकेंगे ये वैक्सीन?
– अभी इसकी तारीख नहीं आई है. हालांकि, ये वैक्सीन कोविन पोर्टल पर (Covid Nasal vaccine) लिस्टेड हो गई है. यानी, अब आप बूस्टर डोज के लिए अपॉइंटमेंट बुक करवाते समय नेजल वैक्सीन का ऑप्शन चुन सकते हैं. हालांकि, बताया जा रहा है कि जल्द ही ये वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी|