नई दिल्ली: वेट ट्रेनिंग, योग, पिलाटे, एरोबिक्स किसी भी तरह का वर्कआउट शुरू करने से पहले स्ट्रेचिंग(stretching) बहुत जरूरी है। इसे आप वर्कआउट का सबसे पहला रूल भी कह सकते हैं। बिना स्ट्रेचिंग किए वर्कआउट करने पर इंजुरी होने की पूरी-पूरी संभावना होती है और ये इंजुरी एक या दो दिन में बल्कि कई दिनों तक बनी रहती है। जिसकी वजह से काम करना, सोना, उठना-बैठना भी दूभर हो सकता है। तो इन्हीं सब परेशानियों के बचने और वर्कआउट के दौरान अपनी परफॉर्मेंस सुधारने के लिए स्ट्रेचिंग करना बहुत जरूरी स्टेप है। आइए जानते हैं स्ट्रेचिंग के फायदे
– स्ट्रेचिंग(stretching) करने से शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ने से वर्कआउट को और बेहतर तरीके से कर पाते हैं। जितना बेहतर आसन या वर्कआउट होगा, बॉडी को उतने ही फायदे मिलेंगे।
– सही तरीके से स्ट्रेचिंग करने से ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ता है जिससे शरीर के कई अंग सुचारू रूप से काम करते हैं।
– स्ट्रेचिंग करने से वर्कआउट के दौरान होने वाली इंजुरी की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं।
– स्ट्रेचिंग(stretching) करने से जोड़ों में होने वाली प्रॉब्लम्स दूर रहती है और मूवमेंट भी आसान हो जाता है।
– वर्कआउट से पहले स्ट्रेचिंग करने से मसल्स सही तरीके से अपना काम कर पाती हैं।
– किसी भी वर्कआउट से पहले हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग कर आप बॉडी की एनर्जी बढ़ा सकते हैं।
– स्ट्रेचिंग से बॉडी पोस्चर में भी सुधार आता है।
– जब कभी काम के दौरान सुस्ती या थकान का एहसास हो तो भी थोडी 7 से 10 मिनट की स्ट्रेचिंग आपको एक्टिव और एनर्जेटिक बना देगी।
– वर्कआउट शुरू करने से पहले की गई स्ट्रेचिंग से टाइट मसल्स थोड़ी लूज हो जाती है जिससे मसल्स खिंचने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।
– वर्कआउट से पहले तो स्ट्रेचिंग(stretching) के फायदे हैं ही लेकिन वर्कआउट के बाद भी स्ट्रेचिंग करने के हजारों फायदे होते हैं। बॉडी की थकान दूर होती है और मसल्स एकदम रिलैक्स हो जाती हैं।