Samagra Shiksha Abhiyan- दिनांक 09-11-2024 (मोहाली) राज्य में सत्ता में आई आम आदमी पार्टी सरकार की हालत ऐसी हो गई है कि पंजाब की अफसरशाही मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेशों की अनदेखी कर रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा 2 साल पहले लिए गए फैसले के बाद आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मुख्यमंत्री के लिखित फैसले को लागू करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी और अधिकारियों के साथ तीन बार पैनल मीटिंग कर चुकी है और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा स्पष्ट आदेश दे चुके हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
_*क्या है मुख्य मांगे :
1. सर्व शिक्षा अभियान तहत रेगुलर लिए गए अध्यापकों की तर्ज पर कर्मचारियों को भी CSR rules तहत रेगुलर किया जाए।
2. सितंबर 2020 से 5000/ प्रति माह की जा रही तनख्वा कटौती बिना किसी देरी के पूरी की जाए।*
3. कर्मचारियों का 2021से फ्रीज किया गया डी.ए पूरा किया जाए।
प्रेस बयान जारी करते हुए सर्व शिक्षा अभियान मिड डे मील दफ्तरी कर्मचारी यूनियन मोहाली के नेता जगमोहन सिंह, रमन कुमार और मैडम निशा ने कहा कि मुख्यमंत्री के फैसले के बाद कैबिनेट सब कमेटी ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, और तनख्वाह कटौती पूरी करने का फैसला लिया है। तनख्वाह कटौती पूरी करने के 3 बार आदेश दिए गए, लेकिन प्रदेश की अफसरशाही ने कर्मचारियों के मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की । (Samagra Shiksha Abhiyan)
यूनियन नेताओं की 06.11.2024 को वित्त मंत्री हरपाल चीमा जी से फिर से मीटिंग हुई जिस में हरपाल चीमा ने रेगुलर और तनख्वाह पूरी करने के लिए ऑफिसर कमेटी को एक महीने में फाइल तैयार कर के कैबिनेट सब कमेटी को भेजने के आदेश दिए हैं इसके संबंध में एजुकेशन सेक्रेटरी से साथ इस मामले में 20 नवंबर को मीटिंग दी गई है।
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यूनियन नेताओं ने कहा कि समग्र शिक्षा कर्मचारी लगभग 15-20 सालों से अपने तन मन से सेवा निभा रहे हैं । लेकिन इन सरकार में कर्मचारियों की सुनी नहीं जा रही , और इस बार अगर सरकार फिर से लारे लगती है तो कर्मचारी चुप नई बैठेंगे वो सड़कों पे उतरने को मजबूर होंगे और इसकी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।
Note: Press Note by Samagra Shiksha Abhiyan