सिरसा। (सतीश बंसल) छात्र संगठन शहीद ए-आजम स्टूडेंट एशोसिएशन एवं टीम सुमित मेहता (Student Leaders) स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन के बैनर के नीचे एकत्रित होकर विद्यार्थी मुख्यमंत्री के पूर्व राजनीतिक सलाहकार जगदीश चोपड़ा एवं भाजपा के पदाधिकारी गोविंद कांडा से मिले और एक ज्ञापन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नाम सौंपा। इस मौके पर पूर्व सलाहकार जगदीश चोपड़ा ने आश्वासन देते हुए कहा कि सभी विद्यार्थियों की समस्याओं को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर विद्यार्थियों को न्याय दिलाया जाएगा।
दूसरी ओर वरिष्ठ भाजपा नेता गोविंद कांडा ने भी आश्वासन देते हुए कहा कि आपकी सभी समस्याओं को मुख्यमंत्री के सम्मुख रख विद्यार्थियों को न्याय दिलाया जाएगा और जो भी विद्यार्थियों का अधिकार है, दिलाया जाएगा। छात्र नेताओं ने कहा कि वाइस चांसलर डा. अजमेर सिंह मलिक और यूनिवर्सिटी प्रशासन विद्यार्थियों को भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है। वाइस चांसलर द्वारा यूनिवर्सिटी में गड़बड़ी के अलावा कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया, जो विद्यार्थी हित में हो।
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इस मौके पर छात्र नेता शहीद ए-आजम प्रवीण अत्री, दीप-306, राजेंद्र, रवि छिंपा, जगदीप कुमार, अजय, चौधरी, गौरव, विशाल, नीरज, तेजवीर, नवदीप, विश्वदीप, लवप्रीत, शेखर, विजय अरोड़ा, राजेंद्र, अमन, संग्राम, पवन, आजाद, मनजीत, अंग्रेज, शिक्षा चौधरी, सतबीर साहनी, प्रेमचन्द, मनदीप सोनी, जितेंद्र जोगी, सुभाष, प्रिंस सोनी एवं छात्र नेता सुमित मेहता भी उपस्थित रहे। (Student Leaders) ये है समस्याएं: छात्र नेताओं ने यूनिवर्सिटी में चक्कर कटवाने एवं पैसा वसूली करने व यूनिवर्सिटी के प्रशासन द्वारा 2 साल में रिजल्ट ब्रांच द्वारा जारी किए गए रिजल्ट एवं भर्तियों बारे बताया कि दिसंबर-2021 को परीक्षाओं का जो परिणाम विश्वविद्यायलय द्वारा जारी किया गया था|
उसमें बहुत सी खामियां देखने को मिली जैसे कि आरएलए-एबी, जीरो-जीरो अंक, पास को फैल, प्रतिशत एवं कुल अंक न देना एवं इसके बाद हाथ से तैयार परिणाम जारी किए गए, जो कि हरियाणा कि किसी भी विश्वविद्यालय में नहीं है। आज भी रिजल्ट को लेकर विद्यार्थी विश्वविद्यायलय के चक्कर काट रहे हैं। दिसंबर-2022 की परीक्षाओं का परिणाम भी 2021 के परिणाम की तरह ही देखने को मिला। पिछले 2 वर्षों से किसी भी विद्यार्थी कि डिग्री नहीं दी गई।
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रिवैल्युएशन एवं रि-अपीयर के जो फार्म ऑनलाइन भरे जाते थे, अब उन्हें विश्वविद्यायलय द्वारा ऑनलाइन कि बजाय ऑफलाईन किया जा रहा है और ऑफलाइन पैसों की वसूली की जा रही है। (Student Leaders) विश्वविद्यालय द्वारा नियम बनाया गया है कि 32 वर्ष से ज्यादा आगे के विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा एडमिशन नहीं दिया जाएगा, जो कि हरियाणा के किसी भी विश्वविद्यालय में नहीं है।
हरियाणा सरकार के वित विभाग ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यायलयों को खाली पड़े पदों पर भर्ती न करने का आदेश जारी किया था, उसके बावजूद भौ चौधरी देवीलाल विश्वविद्यायलय ने आदेश को दरकिनार कर खाली 53 पदों पर भर्ती कि प्रक्रिया शुरू रखी, जिसको सरकार ने अंतिम दिन प्रक्रिया को रोक लगा दी। छात्र संगठनों की मांग है कि ऐसे व्यक्ति पर कानूनी कार्यवाही की जाए, क्योंकि विश्वविद्यायलय ने सरकार के नियमों को धज्जियां उड़ाकर भर्ती करने का प्रयास किया। इसके अलावा कुलपति द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान टीचिंग, नॉन-टीचिंग की रेगुलर, कौशल आदि सभी भर्तियों की गम्भीरता से जांच जाए। मुख्यमंत्री को जनसंवाद कार्यक्रम में भी विद्यार्थियों द्वारा दी गई शिकायत पर जांच कमेटी बनाने का आश्वासन दिया गया, लेकिन इसके बदले में यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों पर दबाव बढ़ाने के लिए तरह-तरह के लेटर निकालकर एवं एंट्री तक बैन कर दी गई।