पंचकुला। सुदेश भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा सीपीआर प्रशिक्षण शिविर (CPR Training Camp) और नशा मुक्ति अभियान शिविरो का आयोजन किया जाएगा। आज के कार्यक्रमों में पुलिस लाइंस मोगीनंद,यवनिका पार्क सेक्टर पांच,सेक्टर चार,पीडब्ल्यूडी रेस्टहाउस और इंडस्ट्रियल एरिया में आयोजित किए गए।
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जानकारी देते हुए सुदेश भंडारी चेरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन तरुण भंडारी ने बताया कि देश की 140 करोड़ की आबादी में कुछ प्रतिशत लोगो को ही सीपीआर के बारे में पता है। ऐसे में लोगो को इस तकनीक को जानकारी का प्रशिक्षण प्राप्त होने से बहुत से जिंदगियों को बचाया जा सकता है। इस मुहिम को प्रदेश भर में चलाया जायेगा ताकि सभी को सीपीआर तकनीक सिखाई जा सके। एक जुलाई से शुरू हुए ये जागरूकता प्रशिक्षण शिविर 15 जुलाई तक जिला भर में आयोजित होंगे। 16 जुलाई को समापन कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए जायेंगे। उन्होंने बताया कि सीपीआर में मरीज की छाती पर दबाव बनाया जाता है जिससे ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है और मरीज को जीवन दान मिल जाता है ।
विभिन्न शिविरो में जानकारी देते हुए रेड क्रॉस सचिव श्रीमती सविता अग्रवाल, श्री मति नीलम कौशिक फर्स्ट एड एंड होम नर्सिंग प्रवक्ता और रमेश चौधरी स्टेट ट्रेनिंग सुपरवाइजर ने बताया कि सीपीआर अर्थात कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन एक इमरजेंसी मेडिकल टेक्निक है (CPR Training Camp) जिसके जरिए किसी व्यक्ति की सांस या दिल के रुक जाने पर उसकी जान बचाई जा सकती है। जब किसी व्यक्ति का दिल धड़कना बंद कर देता है, तो उसे कार्डिएक अरेस्ट होता है। कार्डिएक अरेस्ट के दौरान, हृदय मस्तिष्क और फेफड़ों सहित शरीर के बाकी हिस्सों में खून पंप नहीं कर सकता है। उपचार के बिना मृत्यु मिनटों में हो सकती है। इस अवसर पर ललित शर्मा,सुरेंद्र भाटिया,हरी कृष्ण,राकेश जगोता, धनेंद्र वशिष्ठ के अलावा रेड क्रॉस से अशोक कुमार और सुशील कुमार उपस्थित रहे।
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सुदेश भंडारी चेरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन तरुण भंडारी ने बताया कि इस मुहिम की शुरुआत के पीछे का कारण मेरे पिताजी की मृत्यु सीपीआर की जानकारी न होने की वजह से हुई। जागरण में 300 के लगभग लोगो के होते हुए किसी भी व्यक्ति को सीपीआर की जानकारी नहीं थी, (CPR Training Camp) तदोपरांत अस्पताल में ले जाने पर पिताजी कोमा में चले गए और कुछ समय बाद उनका देहांत हो गया। उस दिन से मन में ये विचार आया था की सीपीआर की जानकारी देने की मुहिम चलाकर बहुत सी जिंदगियों को बचाया जाए।