वाराणसी : जिला जज: ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी की प्रतिदिन पूजा अर्चना करने व परिसर स्थित अन्य देवी- देवताओं के विग्रहों को सुरक्षित रखने के लंबित मामले की सुनवाई अब जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेस करेंगे। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमें से जुड़ी पत्रावली उनके पास आ जाएगी। अब तक इस मामले की सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में हो रही थी।
मुकदमा नई दिल्ली की रहने वाली राखी सिंह, बनारस की रहने वाली लक्ष्मी देवी, सीता शाहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक की तरफ से दाखिल किया गया था। इन्होंने मौके पर यथास्थिति बरकरार रखने की भी अदालत से मांग की थी। मुकदमें में प्रदेश सरकार के अलावा जिलाधिकारी,पुलिस आयुक्त,अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया है। अदालत के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के बाद रिपोर्ट भी अदालत में दाखिल की जा चुकी है। दो प्रार्थना पत्र लंबित हैं। इनमें से एक वादी पक्ष की ओर से और दूसरा जिला शासकीय अधिवक्ता की ओर से दाखिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वाद पर नए सिरे से सुनवाई होगी।
आदेश के बारे में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन का कहना है कि हम आदेश से बहुत खुश हैं। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मामले की सुनवाई जिला जज वाराणसी करेंगे। शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा के लिए 17 मई का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। वजु की व्यवस्था की जाएगी। वहीं प्रतिवादी पक्ष के वकील अभयनाथ यादव का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट बहुत गंभीर है। इस मामले को ट्रांसफर किया गया है इसका मतलब साफ है कि सुप्रीम कोर्ट को शायद यह लगा होगा कि अभी तक जो कार्यवाही हुई है वह विधि सम्मत नहीं है।
उधर, ज्ञानवापी मस्जिद व शृंगार प्रकरण में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के ठीक एक दिन बाद शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद में जुमे की नमाज तनावपूर्ण माहौल में हुई। सामान्य दिनों की अपेक्षा बड़ी संख्या में नमाजी पहुंचे थे। हालात यह था कि मस्जिद में जगह नहीं होने पर उन्हें बहुत से लोगों को वापस करना पड़ा। कुछ लोग इसके बावजूद अंदर जाने की जिद पर अड़े रहे। उन्हें समझा-बुझाकर दूसरी मस्जिदों में भेजा गया। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने को भारी संख्या में फोर्स मौजूद रही। जगह-जगह बैरिकेडिंग की गयी थी।