नई दिल्ली: महिला से दुष्कर्म के आरोप में निलंबित किये गए वरिष्ठ Suspended IAS अधिकारी जितेंद्र नारायण ने अपना पक्ष रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने दावा किया है कि घटना वाले दिन वह एक आधिकारिक दौरे पर दिल्ली में थे। पत्र में उन्होंने कहा है कि वह 11 अप्रैल, 2022 और 18 अप्रैल, 2022 के बीच दिल्ली में थे। उन्होंने इस दौरे का विवरण भी दिया है। गृह मंत्रालय की ओर से इस पत्र को लेकर पुष्टि नहीं की गई।
पक्ष रखते हुए पेश किए तमाम दस्तावेज
महिला की शिकायत के अनुसार, उसका पहला यौन उत्पीड़न 14 अप्रैल, 2022 को और दूसरा एक मई, 2022 को हुआ था। जब यह घटना हुई थी, उस समय वह अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव थे। अपने दावे को पुष्ट करने के लिए उन्होंने पत्र में पोर्ट ब्लेयर के बाहर के दौरे की फाइल नोटिंग, पीएनआर नंबर, बोर्डिंग पास सहित अंडमान निकोबार भवन में अपने ठहरने के बिल का विवरण दिया है।
लोकेशन की जांच करने की बात (Suspended IAS)
उन्होंने कहा है कि इसकी पुष्टि के लिए उनके काल डेटा रिकार्ड और सेलफोन लोकेशन की जांच की जा सकती है। पत्र में उन्होंने कहा है कि मैं यह जानता हूं कि पुलिस अधिकारी उन दो तिथियों की परिस्थितियों से पूरी तरह अवगत हैं, फिर भी कुछ व्यक्तियों के इशारे पर इस झूठे अभियोजन को जारी रखने दे रहे हैं। नारायण ने कहा है कि इसलिए फंसाया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने एक कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी।