सिरसा। (सतीश बंसल) जिला रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा (Treatment) स्थानीय नागरिक अस्पताल में टीबी प्रोजेक्ट में खंड स्तर पर कार्य कर रहे स्वयंसेवकों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता चिकित्सा अधिकारी-कम-जिला टीबी काउंसलर डा. संजय ने की। डा. संजय ने बताया कि टीबी के मुख्य लक्षण अधिक खांसी, लगातार बुखार, थकावट होना, वजन घटना तथा सांस लेने में परेशानी होते हैं। इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों पर होता है। फेफड़ों के अलावा ब्रेन, मुंह, लीवर, किडनी, गले आदि में भी टी.बी.हो सकती है।
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इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों पर पड़ता है। टीबी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा के द्वारा फैलता है। आप हवा में सांस लेकर टीबी के बैक्टीरिया को प्राप्त कर सकते हैं और टीबी से ग्रस्त हो सकते हैं। इस रोग के बैक्टीरिया हवा में उन व्यक्तियों द्वारा फैलाए जाते हैं जिनके शरीर में पहले से ही टीबी के बैक्टीरिया हैं। (Treatment) उन्होंने टीबी प्रोजेक्ट में कार्यरत स्वयंसेवकों को निर्देश दिए कि वह ऐसे मरीजों की पहचान करके उनका ईलाज टीबी अस्पताल में करवाएं। यह ईलाज बिल्कुल नि:शुल्क है तथा जिन टीबी के मरीजों ने अपना ईलाज बीच में ही छोड़ दिया है उनको अपना ईलाज पूर्ण करने के लिए प्रेरित करें।
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जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव लाल बहादुर ने बताया कि राज्य मुख्यालय के निर्देशानुसार जिला सिरसा में टीबी प्रोजेक्ट आरंभ किया गया है तथा इस प्रोजेक्ट में स्वयंसेवकों के माध्यम से टीबी रोगियों की पहचान करके उन्हें ईलाज के लिए प्रेरित करके उन्हें सामान्य अस्पताल सिरसा में स्थित (Treatment) टीबी हॉस्पिटल में ईलाज के लिए भेजा जा रहा है। बैठक में रेडक्रॉस के सहायक पवन राणा, टीबी/एचआईवी को-ओर्डिनेटर सुरेश कुमार, राजेश कुमार तथा टीबी प्रोजेक्ट में कार्यरत रेडक्रॉस के स्वयंसेवक भी उपस्थित थे।