ऑटोमोबाइल से लेकर सॉफ्टवेयर तक के कारोबार से जुड़े TATA Group ने दक्षिण भारत में आईफोन असेंबली प्लांट खरीदने के लिए बोली लगाई है। इसमें सफल होने पर टाटा ग्रुप देश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने की योजना में बड़ा योगदान दे सकता है। ये प्लांट Apple के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग करने वाले Wistron का है। देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर एन गणपति सुब्रमण्यम ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा, “मैं इसमें सीधे तौर पर शामिल नहीं हूं लेकिन यह वास्तव में भारत के लिए बहुत अच्छा होना चाहिए। भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक के निर्माण का अवसर होगा। इस प्लांट को खरीदने के लिए टाटा ग्रुप पिछले कुछ महीनों से विस्ट्रॉन से बातचीत कर रहा है। यह प्लांट बेंगलुरु के पास है। टाटा समूह पिछले कुछ वर्षों में तकनीकी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में चीन के दबदबे का मुकाबला करने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। एपल ने पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के बीच भारत से 2.5 अरब डॉलर से ज्यादा के आईफोन का निर्यात किया था। यह पिछले वर्ष में भारत से कंपनी के कुल निर्यात का लगभग दोगुना है। यह इंगित करता है कि चीन में कठिनाइयों के कारण Apple अपने उपकरणों के उत्पादन में बदलाव को तेज कर रहा है।
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चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में, अनुबंध निर्माण कंपनियों फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन ने देश से एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य के उपकरणों का निर्यात किया। पिछले साल के अंत में चीन में फॉक्सकॉन की फैक्ट्री में कर्मचारियों की तोड़फोड़ और कोरोना के कारण लगी पाबंदियों से आईफोन का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इसके बाद एपल ने प्रोडक्शन का कुछ हिस्सा चीन से शिफ्ट करने की अपनी योजना पर तेजी से काम किया है। दुनिया की सबसे वैल्युएबल कंपनी ऐपल ने पिछले साल भारत में अपने नए आईफोन सीरीज के कुछ मॉडल्स की असेंबलिंग शुरू की थी। केंद्र सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत पिछले साल के अंत में दो कंपनियों फॉक्सकॉन और पैडेट इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए प्रोत्साहन को मंजूरी दी है। (TATA Group)