सहारनपुर। पीडीएफ फाइल: सहारनपुर में एटीएस ने आतंकी नदीम को गिरफ्तार करने के बाद राजफाश किया है कि नदीम को वाट्सएप और अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर एक 70 पेज की पीडीएफ फाइल भेजी गई थी, जिसे पढ़कर उसे ट्रेनिंग लेनी थी। पीडीएफ फाइल में मौजूद बारूद और अन्य सामान एकत्रित करना था। इसके बाद उसे फिदायीन हमला करना था।
हिंदी में पढने में था बेहद कमजोर
बकायदा नदीम को इसके लिए पैसों का लालच दिया गया था। सूत्रों के अनुसार पीडीएफ फाइल उर्दू भाषा में थी, जिसे पढ़ने में नदीम को दिक्कत आ रही थी। ग्रामीणों के अनुसार, नदीम को उर्दू, अंग्रेजी भाषा बिलकुल नहीं आती है। हिंदी वह अच्छे से बोल लेता है, लेकिन हिंदी भी पढ़ने में नदीम बेहद कमजोर है।
पढ़ने से मना कर दिया
कई बार वह गांव में ही एक दो युवक के पास गया, जो उर्दू जानते है, ताकि उनसे पीडीएफ फाइल को पढ़वा सके। हालांकि युवकों ने संदिग्ध बातें लिखी देखी तो उन्होंने पढ़ने से मना कर दिया। हालांकि यह युवक भी बेहद डरे सहमे हुए है। कोई कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।
फिदायीन हमले का पाक से मिलना था निर्देश
पीडीएफ फाइल के अनुसार, करीब तीन माह में नदीम की ट्रेनिंग पूरी होनी थी। पीडीएफ फाइल को भेजा भी तीन से चार माह पूर्व ही था। उसी समय से नदीम पीडीएफ फाइल किसी से पढ़ाकर तैयारी कर रहा था। पीडीएफ फाइल में दिए गए सभी प्वाइंट पर काम होने के बाद नदीम को फिदायीन हमले के लिए पाकिस्तान से निर्देश मिलना था। पाकिस्तान यह हमला कहां कराना चाहता था। यह अभी एटीएस गोपनीय रूप से जांच कर रही है।
जिलास्तर की खुफिया इकाई को कुछ पता ही नहीं
जिले में जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी पाकिस्तान के आतंकियों के इशारे पर आनलाइन ट्रेनिंग ले रहा था, लेकिन जिला स्तर पर गठित पर एलआइयू को इस बारे में कुछ पता ही नहीं था। इसके अलावा भी अन्य खुफिया एजेंसिया यहां पर काम करती है, लेकिन वह भी फेल साबित हुई। एटीएस लखनऊ की टीम ने आतंकी नदीम को गिरफ्तार किया तो सभी अलर्ट हो गए और अब गांव-गांव में घूमकर बाकी जानकारी जुटा रहे हैं।