लखीमपुर खीरी। Ashish Mishra: उत्तर प्रदेश की राजनीति को बेहद चर्चा में लाने वाले लखीमपुर खीरी के तिकुनियां हिंसा के मामले में मंगलवार को जिला जज की कोर्ट में अहम सुनवाई थी। जिला जज की कोर्ट में आज हिंसा के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा उर्फ मोनू (Ashish Mishra) तथा 12 अन्य पर आरोप तय होने थे, लेकिन हो सके। इस केस में अगली सुनवाई अब 24 मई को होगी।
लखीमपुर खीरी के तिकुनियां में तीन अक्टूबर को उपद्रव के बाद हिंसा में आठ लोगों की मौत के मामले में आज जिला जज मुकेश मिश्रा की कोर्ट में मुख्य आरोपित केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र उर्फ के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू(Ashish Mishra) सहित 14 आरोपितों के मुकदमे की सुनवाई हुई। दिन में करीब 12:30 बजे मोनू तथा अन्य आरोपितों को कड़ी सुरक्षा के बीच जिला जेल से कोर्ट में पेश किया गया। आशीष की मंगलवार को कोर्ट में पेशी थी। पुलिस हिरासत में कोर्ट लाए जाने के दौरान वह मूंछों पर ताव देता हुआ नज़र आया। जेल में बंद आशीष के इस अंदाज की फोटो और वीडिेयो तेजी से मीडिया में वायरल हो रहा है।
मंगलवार को इस केस की सुनवाई के दौरान सभी आरोपितों पर आरोप तय नही हो सके। इस दौरान आशीष मिश्र की डिस्चार्ज अर्जी के खिलाफ जिला शासकीय अधिवक्ता अरविन्द त्रिपाठी ने आपत्ति दाखिल की जबकि पांच आरोपितों की तरफ से उनके अधिवक्ता ने डिस्चार्ज अर्जी दाखिल की। इन सभी डिस्चार्ज अर्जियों के खिलाफ आपत्ति दाखिल करने के लिए शासकीय अधिवक्ता को दस दिन का समय दिया गया है। अब इस केस की अगली सुनवाई 24 मई को होगी।
लखीमपुर खीरी के जिला जज मुकेश मिश्रा की कोर्ट में किसानों को रौंदने के मामले में मंगलवार को अहम सुनवाई थी। इससे पहले सुनवाई में सरकारी वकील ने चार्जशीट पढऩे का समय मांगा था। इस केस की पड़ताल के बाद एसआइटी ने कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल की थी। आज आशीष मिश्र मोनू समेत जेल में निरुद्ध सभी 14 आरोपितों को जेल से तलब किया गया है। आशीष मिश्र(Ashish Mishra) की पिछली पेशी पर सुनवाई के समय कुछ आरोपितों के अधिवक्ताओं ने डिस्चार्ज अर्जी देने व जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने डिस्चार्ज अर्जियों के खिलाफ आपत्ति दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा था। जिला जज मुकेश मिश्रा ने बचाव पक्ष व पीड़ित पक्ष को न्यायहित में मौका दिया था। माना जा रहा था कि मंगलवार को आशीष मिश्र पर आरोप भी तय होंगे।
किसान पक्ष के आरोपितों ने की अपनी रिहाई की मांग: इस केस में क्रास एफआइआर में नामजद किसान पक्ष के आरोपितों ने अपनी रिहाई की मांग की है। इनकी मांग पर सोमवार को सुनवाई की गई। इस सुनवाई के समय आरोपित विचित्र सिंह के अधिवक्ता ने निर्दोष बताते हुए डिस्चार्ज अर्जी दाखिल की है। मुकदमे की अगली सुनवाई के लिए 23 मई नियत की गई है। सोमवार को खीरी हिंसा से जुड़े एक मुकदमे के चारों आरोपितों गुरुविंदर सिंह, कमलजीत, गुरुप्रीत सिंह व विचित्र सिंह को जेल से तलब कर जिला जज की अदालत पेश किया गया। आरोपित विचित्र सिंह के अधिवक्ता ने डिस्चार्ज अर्जी दाखिल की। जिसपर आपत्ति दाखिल करने के लिए सहायक शासकीय अधिवक्ता शिव गोविंद राठौर ने आपत्ति दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय चाहा जबकि अन्य आरोपितों की तरफ से डिस्चार्ज अर्जी दाखिल करने के लिए समय मांगा गया।
लखीमपुर खीरी में बीते वर्ष तीन अक्टूबर तिकुनियां में हिंसा के दौरान एक पत्रकार, चार किसान व तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। खीरी हिंसा मामले में दो मुकदमे दर्ज हुए थे। एक मुकदमा सभासद सुमित जायसवाल की तहरीर पर 20, 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, हत्या, आगजनी के आरोप में दर्ज किया गया था जबकि दूसरा मुकदमा किसानों कीे ओर से दर्ज किया गया था जिसमें केंद्रीय गृहराज्य मंत्री का बेटा मुख्य रूप से आशीष नामजद था।
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