Sadhguru – पंचकूला 3 मार्च 2024। विश्वास फाऊंडेशन के संस्थापक गुरूदेव श्री स्वामी विश्वास जी का दूसरा विराट विश्वास दिवस रविवार, 3 मार्च को बीकेएम विश्वास स्कूल सेक्टर-9 में बड़े श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। इसमें ट्राईसिटी समेत आसपास के एरिया से गुरूदेव श्री जी के अनुयायी बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम भजन-सत्संग और मैडिटेशन आधारित था।
इस मौके पर विश्वास फाऊंडेशन की अध्यक्षा सती साध्वी नीलिमा विश्वास ने बड़े मार्मिक शब्दों में गुरूदेव श्री जी के लिए भजन गाया। मेरे गुरूवर प्यारे आजा, फिर तेरी याद सतावे। तेरे विराट दिवस के दिन, मेरी आंखों में आंसू आवे।साध्वी नीलिमा विश्वास ने अनुयायिओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि सद्गुरु देह का नाम नहीं, सद्गुरु होता है ज्ञान। दुनिया के लिए सद्गुरु दैहिक रूप में नही दिखते परंतु उनके शिष्यों से पूछिए जिनके लिए सद्गुरु साकार होकर विराट रूप धारण कर चुके हैं। भीतर समा चुके और उनकी वाणी आज भी मार्गदर्शन कर रही, जिंदगी को दिशा दे रही है। (Sadhguru )
उन्होंने स्वामी विवेकानंद के हवाले से कहा कि सद्गुरु को शिष्य की और से बेहतरीन गिफ्ट यही हो सकता है कि शिष्य चुंबक की तरह सद्गुरु की सेवा और साधना में लगा रहे। लिहाजा शिष्यों को गुरूदेव श्री जी के विराट विश्वास दिवस के दिन अपने भीतर की प्यास और जगानी और सेवा कमानी है। शिष्य सद्गुरु के द्वार पर ही खुद का रूपांतरण कर पाता है।
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साध्वी नीलिमा ने कहा कि हम सब बड़े सौभाग्यशाली हैं क्योंकि हमारे सद्गुरु पूर्णतय: पहुंचे हुए थे। उनकी वाणी आज भी हमें दिशा दे रही है। सेवा और साधना का ऐसा मार्ग दिखा गए जो आए दिन और प्रफुल्लित हो रहा है। इससे पहले गुरूदेव श्री जी के आडियो प्रवचन चले जिसमें उन्होंने इसी बात पर जोर दिया कि मैडिटेशन के माध्यम से अंतर्मुखी होकर जीओ तभी मालिक, परमात्मा के साथ जुड़ पाओगे, उसके लिए प्यास जगाने की जरूरत है जो सहज भी है।(Sadhguru )
जागे-जागे अपनी भाव दशा में जीएं, ध्यान का ध्यान रखें और किसी भी सूरत में खंडित न होने देना। मौन में रहकर गहरी डुबकी लगाना तो कि दिव्य हो जाओ। वही देखना जो हो रहा है, केवल देखना है उसमें किसी प्रकार का दखल नहीं देना। ईश्वर के प्रति प्यास बढ़ाते रहिए और यही सच्च में जीना है। कार्यक्रम के अंत में भोजन प्रशादम की व्यवस्था की गई थी।