न्यूयॉर्क: अमेरिकी शेयर बाजार द वॉल स्ट्रीट में गिरावट का दौर जारी है। देश की अर्थव्यवस्था में मजबूत पकड़ रखने वाली कंपनियों के शेयर भी जमीन पर आ गए हैं। स्थित यह है कुछ कंपनियों के शेयर अपने पिछले दो सालों के सबसे निचले स्तर पर हैं। मार्केट में गिरावट के कारण मुद्रास्फीति के आसमान छूने की आशंकाएं जताई जा रहीं थीं।
ब्याज दरों में फिर बढ़ोतरी की आशंका
देश में लगातार बढ़ रही महंगाई पर लगाम लगाने के लिए फेडरल रिजर्व द्वारा अपेक्षा से अधिक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की भी आशंकाएं जताई जा रही हैं। जिसके चलते शेयर मार्केट में सोने से लेकर क्रिप्टोकरेंसी समेत कच्चे तेल तक हर चीज की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है। ऑलस्प्रिंग ग्लोबल इनवेस्टमेंट्स के वरिष्ठ निवेश रणनीतिकार ब्रायन जैकबसेन ने अपने एक बयान में कहा कि बाजार की मौजूदा स्थिति दूर की सोच वाली नहीं है। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए फेडरल रिजर्व ब्याज दरें बढ़ाना चाहता है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि, ब्याज दरों में बढ़ोतरी किस स्तर तक की जाएगी।
सामान्य होती मुद्रास्फीति के बीच फिर आई गिरावट
अमेरिका के वॉल स्ट्रीट में ज्यादातर लोगों का यही सोचना है कि फेड अगले सप्ताह होने वाली अपनी बैठक में अल्पकालिक ब्याज दरों को एक फीसदी के तीन-चौथाई प्रतिशत तक बढ़ा देगा। हालांकि अभी तक उम्मीद यह थी कि जून में 9.1फीसदी के चरम पर पहुंचने के बाद मुद्रास्फीति तेजी से सामान्य स्तर पर वापस आ रही थी। लोगों का यही मानना था कि इस तरह की मंदी फेड को इस साल के अंत तक अपनी दरों में बढ़ोतरी को कम करने के लिए मजबूर करेगा। जिसके चलते संभावना थी कि साल 2023 की शुरुआत स्थिर रहेगी। लेकिन मंगलवार को आई रिपोर्ट ने उन सभी तमाम उम्मीदों को धराशायी कर दिया है।
मौजूदा साल में चार बार बढ़ चुकी हैं ब्याज दरें
आपको बता दें, फेडरल रिजर्व इस साल अपनी बेंचमार्क ब्याज दरों में पहले ही चार बार बढ़ोतरी कर चुका है। फेड की मौजूद ब्याज दर 2.25 प्रतिशत से 2.50 प्रतिशत के बीच है। ब्याज की उच्च दरें घर, गाड़ी या क्रेडिट पर खरीदी गई किसी भी चीज को और अधिक महंगा बनाकर अर्थव्यवस्था में मंदी लाती हैं।