गोंडा। अपहृत दवा विक्रेता लालमनि का तीसरे दिन गुरुवार को भूसैला (भूसा रखने का स्थान) से शव बरामद हुआ। पुलिस हत्या के कारण की पड़ताल में जुट गई है। फोरेंसिक व डाग स्क्वायड की टीमों ने मौके पर छानबीन शुरू कर दी है। अभी पुलिस अधिकारी जांच की बात कहकर हत्या का कारण बताने से इन्कार कर रहे हैं।
इटियाथोक के रमवापुर नायक निवासी दयाराम विश्वकर्मा ने कहा कि धानेपुर के जोगीजोत भट्ठे के पास उसके बेटे की दवा की दुकान है। बेटा लालमनि विश्वकर्मा सोमवार की शाम 8.25 बजे बाइक से घर के लिए निकला लेकिन, घर नहीं पहुंचा। इस पर उसकी खोजबीन शुरू की गई लेकिन, पता नहीं चल सका।
रात में करीब साढ़े नौ बजे एक नंबर से फोन आया। इसमें उसके बेटे ने कहा कि उसे मारा पीटा गया है। उसका अपहरण कर लिया गया है। चार लाख रुपये की मांग की जा रही है। पैसा न देने पर जान से मारने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही सुबह फोन करने की बात कहकर फोन काट दिया। करीब 12 घंटे तक सीमा विवाद में पुलिस उलझी रही।
जांच के लिए पांच टीमें भी लगाई गई थी लेकिन, कोई सुराग नहीं लग सका। इसके बाद एसपी ने खुद कमान संभाली तो परत दर परत कई अहम सुराग हाथ लगने शुरू हो गए। उधर (एसटीएफ) स्पेशल टास्क फोर्स भी हरकत में आ गई। अपहृत का सुराग देने वाले को इनाम देने की घोषणा हुई और उसकी फोटोयुक्त पोस्टर भी चस्पा कराए गए।
शाम को पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र ने कहा कि दवा विक्रेता का शव भूसैले से बरामद हुआ है। उन्होंने कहा कि गांव के पड़ोस का रहने वाला उसका दोस्त नाथू ने उसे फोन करके बुलाया था। नाथू ने पूछताछ के दौरान शव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि घटना का कारण क्या है और उसकी हत्या कैसे हुई है। इसके बारे में जांच की जा रही है।