लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ललितपुर में सामूहिक दुष्कर्म (Rape) की शिकार किशोरी से थाने में दुष्कर्म (Rape) मामले बड़ी कार्रवाई की गई है। आरोपित एसएचओ तिलकधारी सरोज को सस्पेंड करने के बाद अब पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया है। वहीं बुधवार शाम को आरोपितों एसएचओ को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। एडीजी कानपुर जोन ने मामले की जांच डीआइजी झांसी को देकर 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पीड़िता से मिलने के लिए ललितपुर जिला अस्पताल पहुंचे हैं।
आरोप है कि पाली थाने के एसएचओ तिलकधारी सरोज ने किशोरी को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था। इस दौरान उसने थाना परिसर में बने अपने कमरे में किशोरी से दुष्कर्म किया। इस घटना में एसएचओ और महिला सहित चार आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। वहीं, दो लोग फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। डीआइजी झांसी जोगेंद्र सिंह ने भी पाली थाने पहुंचकर छानबीन की है। आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें लगी हैं।
एडीजी ला एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि एसएचओ सहित सहित छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एडीजी जोन ने पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया है। कुल चौर लोगों की अभी गिरफ्तारी की गई है। डीआइजी झांसी को मौके पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। दोषी कोई भी हो चाहे पुलिस वाला भी सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
नाबालिक पीड़िता के बयान पर ललितपुर के पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक ने आरोपी एसएचओ को लाइन हाजिर करने के बाद केस दर्ज करने का आदेश दिया था। इस मामले में एसएचओ, पीड़िता की मौसी और चार अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। ललितपुर एसपी ने बताया कि एक नाबालिग ने 22 अप्रैल को चार लड़कों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। जब उसे थाने लाया गया तो एसएचओ ने उसके फिर से दुष्कर्म (Rape) किया।
बताया जा रहा है कि आरोपित एसएचओ तिलकधारी सरोज के कहने पर किशोरी की मौसी उसको लेकर पाली थाने पहुंची थी। इस घटना के बाद 13 वर्षीय किशोरी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले उसका डाक्टरी परीक्षण कराया गया था। चाइल्ड केयर की काउंसलिग में पता चला था कि नाबालिग के साथ थाने में यौन उत्पीड़न हुआ था।
वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर ललितपुर जिले के थाना प्रभारी के संबंध में चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की है। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने भी पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर तत्काल इस मामले की आख्या मांगी है। उन्होंने कहा कि यह घटना प्रदेश की समस्त महिलाओं के लिये अत्यन्त अपमानजनक है।