श्री गणेश चतुर्थी (Shri Ganesh Chaturthi) या विनायक चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है, जो की इस बार 19 सितंबर दिन मंगलवार को पड़ रही है ज्योतिषाचार्य अवि जी ने बताया कि स्वाति नक्षत्र मध्यान्ह कालीन बेला में श्री गणेश जी का जन्म हुआ था, इस बार 18 तारीख की दोपहर 12 बजकर 02 मिनट से लेकर 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 42 मिनिट तक चतुर्थी तिथि रहेगी। श्री गणेश चतुर्थी तिथि से लेकर अनंत चतुर्दशी तिथि तक ये गणेश उत्सव कहलाता है। इन दस दिनों में भगवान गणेश जी विघ्नों का हरण कर मंगल कार्यो को करते है।
श्री गणेशजन्मोत्सव
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ज्योतिषाचार्य अवि जी ने बताया कि भगवान गणेश जी का जन्म उत्सव 19 सितंबर मंगलवार से प्रारंभ होकर 28 सितम्बर अनंतचतुर्दशी तक चलता रहेगा है इन दिनों में गणेश जी का पूजन, अथर्वशीर्ष का पाठ, सिध्दि विनायक मंत्र जाप तदुपरान्त होम आहुति पूर्णाहुति आदि करके विधिवत तरीके से विसर्जन करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Shri Ganesh Chaturthi)
१:- दिनांक 19 सितंबर में ब्रह्म मुहूर्त से शाम और रात्रि कालीन भगवान गणेश जी की प्रतिष्ठा करे।
श्री गणेश चतुर्थी पूजा विधि
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१:-श्री गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है।
२:- सर्व प्रथम पूज्य गणेश जी की प्रतिमा गोबर या मिट्टी की होनी चाहिए।
३:-निर्मित कि हुई श्री गणेश प्रतिमा पूर्व, पश्चिम या उत्तर की और मुख कर के रखनी चाहिए।
४:-इसके बाद प्राणप्रतिष्ठा करके षोडष उपचार अथवा पंच उपचार से पूजन करना चाहिए।
५:-विशेष कामना के लिए श्री गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करके दुरवार्चन करे।
६:-रुद्राक्ष की माला या हल्दी की माला से ॐ गं गणपतये नमः मन्त्र का 108 बार जाप करना चाहिए। (Shri Ganesh Chaturthi)