भदोही। भदोही अग्निकांड: शारदीय नवरात्र में आदि शक्ति की आराधना में हर कोई पूरी आस्था के साथ जुटा हुआ है। सप्तमी से तीन दिवसीय महा पूजा शुरू हो जाती है। रविवार को औराई के नरथुआ में स्थित एकता पूजा पंडाल में बड़ी संख्या में भक्त मां जगदंबा की आरती कर रहे थे। भक्तों को क्या पाता था कि मां शेरावाली पता नहीं किस गलती से इतनी अधिक कुपित हो जाएंगी। (Statue)
पंडाल के भीतर मौजूद सब कुछ खाक हो गया लेकिन उनकी मुख्य प्रतिमा बची रह गई। पंडाल में केवल लोहे की पाइप के अलावा कुछ भी नहीं दिख रहा है। पूरा का पूरा पंडाल जलकर खाक हो गया है लेकिन मातारानी और उनके दरबार में रहने वाले गणेश आदि की प्रतिमा पूरी तरह सुरक्षित है। देखने से ऐसा लग रहा है कि जैसे आगजनी की काेई घटना ही नहीं हुई है। मां की प्रतिमा वैसे ही चमक रही है जैसे स्थापित की गई थी।
शारदीय नवरात्र के पहले ही दिन से पंडाल में आदि शक्ति विराजमान हो गई थीं लेकिन सप्तमी के दिन से आस्थावानों की भीड़ पंडालों में अधिक हो गई थी। शुरूआत के दिन तो बहुत कम भक्त जुटते थे लेकिन रविवार को यह संख्या 200 से अधिक हो गई थी। महिला, बच्चों के साथ पुरुष् भी आरती में पहुंच गए थे। इसमें सर्वाधिक महिला एवं बच्चे शामिल हुए थे। रात में करीब पौने नौ बजे आरती खत्म होने वाली थी कि पंडाल में शार्ट सर्किट से आग लग गई।(अग्निकांड)
हादसे के दौरान 64 से अधिक लोग महिला- बच्चे झुलस गए। इसमें से चार की मौत रात में ही हो गई थी जबकि पांचवीं मौत बीएचयू में इलाज के दौरान सोमवार को हुई है। एक ही परिवार की तीन लोगों की मौत हो गई। इसमें एक परिवार का दीपक बुझ गया। 64 लोगों को झुलस जाने की घटना ने जहां हर कोई को झकझोर दिया तो वहीं मातारानी की प्रतिमा सुरक्षित बची रह गई। इसपर लोग खूब चर्चा कर रहे हैं। (Statue)