देहरादून: एक से 10 जुलाई के बीच जिले में हुई लूट और चोरी की सिलसिलेवार चार घटनाओं को रुड़की के फौजी गिरोह ने अंजाम दिया था। पुलिस ने इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपितों ने सेलाकुई, वसंत विहार, प्रेमनगर और सहसपुर में लूट व चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया था। इसी वर्ष जनवरी में प्रेमनगर स्थित निंबस एकेडमी में सुरक्षाकर्मी को बंधक बनाकर की गई लूट में भी यही बदमाश शामिल थे।
रविवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि एक जुलाई को सेलाकुई व चार जुलाई को सहसपुर के सभावाला में दो घरों और नौ जुलाई को नया गांव स्थित एक स्कूल में चोरी हुई थी।
दो जुलाई को वसंत विहार में नई बस्ती गोरखपुर में एक घर में लूट को अंजाम दिया गया था। इन घटनाओं को एक ही तरीके से अंजाम दिया गया था। ऐसे में पुलिस ने चारों घटनाओं की कड़ियों को जोड़कर जांच की तो पता चला कि इनमें रुड़की के फौजी गिरोह का हाथ है।
यह जानकारी भी सामने आई कि गिरोह का सरगना घोसीपुरा सपेरा बस्ती पथरी (हरिद्वार) निवासी फौजी नाथ उर्फ चिमटी अपने साथियों के साथ देहरादून क्षेत्र में ही है। ऐसे में आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए चार थानों की टीम लगाई गई।
इनमें से एक टीम को शनिवार को सूचना मिली कि फौजी नाथ अपने तीन साथियों के साथ वसंत विहार के टी-स्टेट क्षेत्र में है। इसके बाद टी-स्टेट क्षेत्र से फौजी नाथ, गोपी नाथ, गौरव नाथ और बुद्धी उर्फ रितिक नाथ को गिरफ्तार कर लिया गया।
फौजी नाथ और गोपी नाथ आपस में जीजा-साला हैं। रविवार को आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
साधुओं के वेष में करते थे घरों की रेकी
आरोपितों ने बताया कि लूट और चोरी को अंजाम देने से पहले वह साधु के वेष में भिक्षा व दान मांगने के बहाने संबंधित घरों में जाते थे और रेकी करते थे। इसके बाद वापस हरिद्वार चले जाते थे।
वहां घटना को अंजाम देने के लिए दिन तय किया जाता था। घटना वाले रोज वह दोपहर में तीन से चार बजे के बीच बस से देहरादून आते थे। संबंधित क्षेत्र में पहुंचकर रात होने का इंतजार करते थे।
रात में 12 से एक बजे के बीच घटनाओं को अंजाम देते थे। इसके बाद जंगल में या आसपास छिप जाते थे और सुबह वाक पर जाने वाले व्यक्तियों के साथ आइएसबीटी पहुंच जाते थे। घरों का ताला आदि तोड़ने के लिए आरोपित पेचकस व लोहे का डंडा उपयोग में लाते थे।
घटना को अंजाम देने के बाद उसे जंगल में ही फेंक देते थे। घटना के समय वह मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करते थे।
सर्राफों ने पहचान पत्र मांगा, इसलिए नहीं बेच पाए गहने
आरोपितों के पास भारी मात्रा में लूटे और चोरी किए गए गहने मिले हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपित गहनों को बेचने के लिए हरिद्वार व अन्य जगह कई सर्राफों के पास गए, लेकिन हर जगह सर्राफों ने पहचान पत्र मांगा। पुलिस की गिरफ्त में आने के भय से आरोपितों ने पहचान पत्र नहीं दिया, इस कारण वह गहने भी नहीं बेच पाए।
पौड़ी से देहरादून तक कई मुकदमे
सेलाकुई के थानाध्यक्ष प्रदीप रावत ने बताया कि आरोपित फौजी नाथ उर्फ चिमटी के विरुद्ध पौड़ी व देहरादून जिले में आठ, गोपी नाथ पर देहरादून जिले में छह, गौरव नाथ के विरुद्ध पौड़ी व देहरादून में सात और बुद्धी के विरुद्ध देहरादून जिले में पांच मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं।