लखनऊ। राज्य कर विभाग की एसटीएफ शाखा ने धोखाधड़ी कर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) लेने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए 452.52 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पकड़ी है। अब दोषियों पर एफआइआर दर्ज कराते हुए वसूली के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, आयरल एंड स्टील एवं आयरन स्क्रैप के व्यापार में संगठित रूप से कर चोरी (Tax Evasion) हो रही है।
आपूर्तिकर्ताओं द्वारा धोखाधड़ी कर आइटीसी लेने का बड़ा खेल चल रहा है। इसमें विभागीय अधिकारियों की भी मिलीभगत है। आयुक्त राज्य कर मिनिस्ती एस ने इस पर रोक लगाने के लिए एसटीएफ का गठन किया है। इसकी जिम्मेदारी अपर आयुक्त अरविन्द कुमार को दी गई है।
एसटीएफ आपूर्ति होने वाले सामानों के डाटा का लगा
तार विश्लेषण कर रहा है और इसमें धांधली पकड़ कर कार्रवाई कराई जा रही है।एसटीएफ ने आयरन एंड स्टील व आयरन स्क्रैप के मामले में पाया कि अंतरप्रांतीय स्तर पर उत्तर प्रदेश सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों में धोखाधड़ी कर आइटीसी लिया गया है।
इसमें यूपी के 13, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र 64, हरियाणा के एक, पंजाब के पांच, उत्तराखंड के एक, बिहार के तीन, झारखंड के दो, कर्नाटक के एक, केरल के सात, तमिलनाडु के पांच
, तेलंगाना के पांच, आंध्र प्रदेश व महाराष्ट्र का एक-एक डीलर है।इस रैकेट में 13 राज्यों के कुल 109 आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। इनके द्वारा कुल 2523.64 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर 452.52 करोड़ रुपये का फर्जी आइटीसी प्राप्त किया गया।
इससे 718 व्यापारियों को बोगस आइटीसी का लाभ मिला है। आयुक्त राज्य कर ने इस मामले की जानकारी केंद्रीय जीएसटी आयुक्त को भेजने के साथ ही यूपी में पंजीकृत ऐसे 73 व्यापारी जिनके द्वारा 167.53 करोड़ की आपूर्ति पर 30.09 करोड़ रुपये का आइटीसी का लाभ लिया है उन पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।