लगभग 5 वर्ष पूर्व बुंदेलखंड (Bundelkhand) की महत्वपूर्ण संस्कृति, प्राकृतिक संपदा और मानव पूंजी की छति को ध्यान में रखते हुए बुंदेलखंड 24×7 के रूप में एक डिजिटल न्यूज़ प्लेटफार्म का उदय हुआ। स्वतंत्र बुंदेलखंड, सफल बुंदेलखंड के ध्येय के साथ चैनल ने यूपी और एमपी के बीच विभाजित इस क्षेत्र की, पानी, किसानी, गरीबी, बेरोजगारी और पलायन जैसी मूलभूत व जटिल समस्याओं को केंद्र में लाने का उद्देश्य रखा, और जन समुदाय के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाई। आज जब हालिया लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर बुंदेलखंड पृथक राज्य की मांग जोर पकड़ रही है तो बुंदेलखंड 24×7 की पहलें भी चर्चा का विषय बन गई हैं।
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चैनल के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार अतुल मलिकराम का मानना है कि बुंदेलखंड और यहां के लोगों के विकास के लिए इसके दो राज्यों में विभाजित हुए हिस्सों को एक किए जाने की आवश्यकता है। बुंदेलखंड को अपने पैरों पर खड़ा कर के ही, यहां की आबादी के जीवनस्तर को सुधारा जा सकता है। अतुल मलिकराम के मुताबिक, “छोटे राज्यों के निर्माण और उनकी सफलता की कहानियां हम तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखण्ड या उत्तराखंड जैसे राज्यों के जरिये देख रहे हैं।
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यह राज्य देश की अर्थव्यवस्था में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, और अपने लोगों को एक आधुनिक एवं संपन्न जीवनशैली से जोड़ने में भी सफल हुए हैं। बुंदेलखंड, प्राकृतिक संसाधन, खनिज, जल, वन व कृषि के साथ-साथ यह क्षेत्र पर्यटन और सूरवीरों की दृष्टि से भी अपनी ख़ास पहचान रखता है। इस पहचान व संसाधन का रणनीतिक सदुपयोग कर, स्थानीय लोगों के जीवन में आश्चर्यजनक सुधार व बदलाव लाए जा सकते हैं। प्रकृति की अनमोल सुंदरता के साथ यहां औद्योगीकरण को भी बल दिया जा सकता है, जो सीधे व पूर्ण रूप से बुंदेलखंड (Bundelkhand) के चौतरफा विकास का सारथी बन सकता है।”
बुंदेलखंड 24×7 ने यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासतों और धरोहरों को सहेजने के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाई है और अपने कार्यक्रमों के जरिये जनजागरूकता फ़ैलाने में आवश्यक भूमिका निभाई है। क्षेत्र की लोक कला, लोक संस्कृति से जुड़े कलाकारों से लेकर बुंदेली व्यंजनों, पर्यावरण से लेकर बुद्धिजीवियों तक, चैनल ने एक विशाल नेटवर्क तैयार किया है, और देश दुनिया के सामने बुंदेलखंड की ख़ूबसूरती को बेहद कलात्मक ढंग से पेश किया है।
इसी का नतीजा है कि चैनल के सोशल मीडिया पर डेढ़ लाख फॉलोवर्स और 15 मिलियन से अधिक दर्शकों तक मासिक पहुंच संभव हो सकी है। अपनी तथ्यात्मक रिपोर्टिंग, गहरे विश्लेषण और जनहित के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर, चैनल ने बुंदेलखंड को एक आत्मनिर्भर राज्य बनाने का पुरजोर समर्थन दर्शाया है। इसमें कोई दो राय नहीं कि दशकों से चली आ रही पृथक बुंदेलखंड (Bundelkhand) राज्य की मांग जब भी चरितार्थ होती नजर आएगी, तब बुंदेलखंड 24×7 की कोशिशों और प्रयासों को सबसे आगे रखा जाएगा और एक पलायन मुक्त, खुशहाल व समृद्ध राज्य की नींव में चैनल की अनेक गतिविधियां सर्वश्रेष्ठ फलदायक साबित होंगी।