नई दिल्ली। उच्च स्तर पर न्यायपालिका में रिक्त पदों को भरने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ने सोमवार को छह उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के रूप में 20 अधिवक्ताओं और 15 न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए केंद्र से इनकी नियुक्ति की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाले कालेजियम में जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस एएम खानविलकर भी शामिल हैं। कालेजियम की बैठक में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के रूप में सर्वाधिक 13 अधिवक्ताओं की पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके बाद तेलंगाना हाई कोर्ट के लिए छह अधिवक्ताओं की पदोन्नति को स्वीकृति प्रदान की गई। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के जिन अधिवक्ताओं को हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की गई है उनमें निधि गुप्ता, संजय वशिष्ठ, त्रिभुवन दहिया, नमित कुमार, हरकेश मनुजा, अमन चौधरी, नरेश सिंह, हर्ष बंगर, जगमोहन बंसल, दीपक मनचंदा, आलोक जैन, हरप्रीत सिंह बराड़ और कुलदीप तिवारी के नाम शामिल हैं।
कालेजियम ने महिला न्यायिक अधिकारियों के हाई कोर्ट में जज बनने की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ने महिला वकील सुमन पटनायक की भी उड़ीसा उच्च न्यायालय के जज के रूप में नियुक्ति की सिफारिश की है। 15 न्यायिक अधिकारियों में से नौ के नामों की सिफारिश कोलकाता हाई कोर्ट में जज के लिए केंद्र को की गई है। इनमें बिस्वरूप चौधरी, पार्थ सारथी सेन, प्रसनजीत विश्वास, उदय कुमार, अजय कुमार गुप्ता, सुप्रतिम भट्टाचार्य, पार्थ सारथी चटर्जी, अपूर्व सिन्हा और मोहम्मद शब्बर रशीदी शामिल हैं। कालेजियम ने दो महिला न्यायिक अधिकारियों सुष्मिता फुकन और मिताली ठाकुरिया को गौहाटी हाई कोर्ट में जज बनने की सिफारिश की है। कालेजियम ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में दो न्यायिक अधिकारियों सुशील कुकरेजा और वीरेंद्र सिंह के नामों की भी सिफारिश की है।