कुशीनगर। नौकरी: कुशीनगर जिले के कोतवाली पुलिस तथा साइबर व सर्विलांस सेल की संयुक्त टीम ने विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर छह शातिरों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से साढ़े तीन लाख की नकदी, 27 पासपोर्ट, 34 नकली वीजा, मुहर तथा आफर लेटर व दो चार पहिया लग्जरी वाहन बरामद हुआ। गिरोह के तार उप्र के अलावा बिहार, मध्यप्रदेश तथा महाराष्ट्र तक फैले थे। पुलिस टीम को डीआइजी रेंज गोरखपुर जे रविन्दर गौड़ ने 25 हजार व एसपी धवल जायसवाल ने 25 हजार रुपये इनाम की घोषणा की है।
यह है मामला
एसपी ने अपने कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी के सामने आए मामलों को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली पडरौना तथा साइबर व सर्विलांस सेल की संयुक्त टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई। पीड़ित व्यक्तियों से प्राप्त मोबाइल नंबर के आधार पर गिरोह के सरगना अमजद करीम खान निवासी बघौचघाट टोला बजरहा थाना बघौचघाट देवरिया को उसके घर से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से नकली वीजा व कई पासपोर्ट मिले। उसकी निशानदेही पर असरफ निवासी हरपुर बेलही थाना पटहेरवा के यहां छापेमारी कर असरफ तथा राजेश कुमार शाह निवासी शीतल चौराहा थाना कटिया जिला गोपालगंज बिहार, सोनू आलम निवासी धौरहरा थाना पटहेरवा, आशिक अंसारी निवासी सोहन थाना तुर्कपट्टी व कलामुद्दीन अंसारी निवासी नगर पंचायत आफिस के पास फाजिलगनर पटहेरवा को गिरफ्तार किया गया।
शातिरों से यह हुई बरामदगी
- 3.50 लाख नकद
- दो चार पहिया लग्जरी वाहन
- 09 मोबाइल
- 41 मुहर
- 27 पासपोर्ट
- 55 प्रति पासपोर्ट की फोटो कापी
- 34 नकली वीजा
- 03 कंप्यूटर
- 03 प्रिंटर
- 01 स्कैनर
- 14 रसीद बुक
- 08 रजिस्टर
- 62 मेडिकल फिटनेस प्रमाण-पत्र
- 52 विभिन्न कंपनियों के आफर लेटर
- 100 विभिन्न कंपिनयों के अनुभव प्रमाण-पत्र
- 13 फोटो पेपर
- 08 एयर टिकट
- 62 बायोडाटा
- 26 नौकरी हेते आवेदन पत्र
- 08 ज्वाइनिंग लेटर
- 02 गल्फ टेक्निकल इंस्टीट्यूट का सर्टिफिकेट
अपराध का तरीका
एसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य शहर व कस्बों में ऑफिस खोल एजेंट तैयार करते हैं। फिर व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर इन्हें जोड़ते हैं। ग्रुप में विदेश में नौकरी के लिए विज्ञापन भेजते हैं, जिसे एजेंट अपने अपने इलाके में बेरोजगार युवकों को विदेश में प्रसिद्ध कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर फार्म भरवा आफिस पर इंटरव्यू के लिए बुलाते हैं। एवज में 60 हजार रुपये जमा कराते हैं। वीजा के लिए पासपोर्ट जमा करा लेते हैं। कुछ दिनों बाद सभी को अलग-अलग पदों का आफर लेटर मुहर व हस्ताक्षर सहित तैयार कर एजेंट के माध्यम से दिलवा देते हैं।
लेटर में होता था अच्छी सैलरी का जिक्र
लेटर में अच्छी सैलरी का जिक्र होता था। फिर गिरोह का सरगना अमजद करीम खान अपने बड़े भाई इम्तियाज खान, जो ओमान रहता से टूरिस्ट वीजा या मजदूरी वीजा मंगाकर इन्हें ओमान भिजवा देता। वहां वीजा अवधि पूरी होने पर जब काम नहीं मिलता वे लोग खुद ही घर आने के लिए तैयार हो जाते हैं, और वापस आने का खर्च स्वयं वहन कर लेते। इससे इन्हें पैसे भी वापस नहीं करने पड़ते। बताया कि इनके कंप्यूटर से यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश तथा महाराष्ट्र के डेटा प्राप्त हुए हैं। इसकी जांच चल रही है। पीड़ितों की पहचान कर उनके रुपये वापस कराए जाएंगे।
टीम के सदस्य
- प्रभारी निरीक्षक कोतवाली राजप्रकाश सिंह
- प्रभारी निरीक्षक साइबर सेल मनोज पंत
- एसएचओ तुर्कपट्टी आशुतोष सिंह
- दारोगा शरद भारती
- कांस्टेबल चंद्रभान वर्मा
- विजय चौधरी
- अनिल यादव
- नेहा यादव
- प्रशांत कुमार