नई दिल्ली। सरकारी बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra – BOM) ने सोमवार को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (Marginal Cost of Funds-based Lending Rates -MCLR) को 0.20 प्रतिशत से बढ़ा दिया है। एमसीएलआर को बैंक लोन की ब्याज दर निर्धारित करने के बेंचमार्क के रूप में उपयोग करते हैं। (Government Bank)
इस बढ़ोतरी के बाद बैंक ऑफ महाराष्ट्र का एक साल के लिए एमसीएलआर बढ़कर 7.80 प्रतिशत हो गया है, जो कि पहले 7.60 प्रतिशत था। एमसीएलआर के आधार पर ही बैंक ऑटो लोन, कार लोन और कार लोन आदि की ब्याज निर्धारित करते हैं। एमसीएलआर के नीचे कोई भी बैंक किसी भी ग्राहक को लोन नहीं देता है। इसका मतलब यह है कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र में एक साल के लोन के लिए न्यूनतम ब्याज दर 7.8 प्रतिशत है।
सभी अवधि की एमसीएलआर में बढ़ोतरी
बैंक की ओर से सभी अवधि के एमसीएलआर में इजाफा किया गया है। ओवरनाइट से लेकर छह महीने तक की अवधि की एमसीएलआर 0.20 प्रतिशत से बढ़कर अब 7.30 प्रतिशत से लेकर 7.70 प्रतिशत तक हो गयी है।
आरबीआइ बढ़ा रहा ब्याज दर
बता दें, महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआइ लगातार रेपो रेट बढ़ा रहा है, यह वह दर होती है, जिस पर आरबीआइ कमर्शियल बैंक को लोन देता है। सितंबर में आरबीआइ की ओर से रेपो रेट को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 5.90 प्रतिशत कर दिया गया है। सितंबर में हुई बढ़ोतरी को मिलाकर पिछले पांच महीनों में आरबीआइ रेपो रेट में 1.90 प्रतिशत का इजाफा कर चुका है।
अन्य बैंक भी बढ़ा रहे ब्याज दर (Government Bank)
आरबीआइ की ओर से ब्याज दर बढ़ाने के बाद निजी एवं सरकारी बैंक और एनबीएफसी कंपनियां लोन की ब्याज दर बढ़ा रही हैं। पिछले दिनों एचडीएफसी बैंक, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुके हैं।