रुद्रप्रयाग : केदारनाथ धाम में रामानंद आश्रम में ब्रह्मकमल के फूल खिले हुए हैं। यह पुष्प भगवान शिव का सबसे प्रिय पुष्प है। इसलिए श्रावण मास में शिवभक्त भोल शंकर को यह पुष्प अर्पित करते हैं। इस बार यह समय से पहले ही मई में ही धाम में खिल गया है।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में पाया जाता है ब्रह्मकमल
उच्च हिमालयी क्षेत्र में पाया जाने वाला ब्रह्मकमल राज्य पुष्प है, यह जुलाई व अगस्त के महीने में खिलता है। यह पुष्प आस्था से जुड़ा होने के साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर है। केदारनाथ में रामानंद आश्रम में ललित राम दास महाराज के प्रयासों से उनके बगीचों में ब्रह्मकमल के करीब 124 पौधे हैं।
इस बार मई में ही खिला पहला ब्रह्मकमल
बीते तीन साल से वह ब्रह्मकमल को अपने आश्रम में संरक्षित कर रहे हैं। केदारनाथ की ऊंची पहाड़ियों में जुलाई-अगस्त में ब्रह्मकमल खिलता है। किंतु इस बार मई में ही केदारनाथ में पहला ब्रह्मकमल स्वामी ललित राम महाराज के बगीचे में खिला है।
ललित महाराज ने कहा कि ब्रह्मकमल को बाबा केदार के चरणों में अर्पित किया जाएगा। गौरतलब है कि ललित महाराज पूरे वर्षभर केदारनाथ में ही रहकर भोले बाबा की पूजा करते हैं।
4420 यात्री सोनप्रयाग से केदारनाथ रवाना हुए
केदारनाथ धाम की यात्रा पर लगातार तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ रही है। रविवार को भी बड़ी संख्या में यात्री सीतापुर और सोनप्रयाग पहुंचे। सांय चार बजे तक सोनप्रयाग से 14420 तीर्थयात्रियों को केदारनाथ के लिए रवाना किया।
हालांकि इसके बाद भी यात्री केदारनाथ जाने की जिद करते रहे किंतु केदारनाथ और पैदल मार्ग में पड़ावों की क्षमता के मुताबिक यात्रियों की आवाजाही कराई जा रही है। इधर, केदारनाथ पैदल मार्ग और धाम में इस बार मौसम यात्रियों की परेशानियां बढ़ा रहा है। लगातार हो रही बारिश के कारण यहां ठंड अधिक हो रही है। प्रशासन ने यात्रियों से पर्याप्त गरम कपड़ों व पूरी तैयारी के साथ केदारनाथ आने का आग्रह किया है।