डिंग। (सतीश बंसल) जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) डिंग में चल रहे (Diet Ding) विभिन्न विषयों के प्रशिक्षण शिविर का शुक्रवार को समापन हुआ। संस्थान के प्रवक्ता सुरेंद्र नूनियां ने बताया कि 15 जून से शुरू हुए इस प्रशिक्षण शिविर में नौ विषयों के प्राध्यापकों को 5-5 दिन के 3-3 समूहों में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, गुरुग्राम के दिशा-निर्देशों पर प्रशिक्षण दिया गया। शिविर प्रभारी संस्थान के विषय-विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ने बताया कि बोर्ड परीक्षा परिणामों में और ज्यादा सुधार लाने के लिए आयोजित इस शिविर में 36 मास्टर ट्रेनर ने भाग लिया।
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समापन अवसर पर संस्थान के प्राचार्य कपिल कुमार पूनियां ने कहा कि एक शिक्षक वह व्यक्ति होता है, जो एक छात्र के जीवन को ढालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुछ शिक्षक जीवन की कुछ समस्याओं की कुंजी के रूप में आपकी स्मृति में रहते हैं। एक शिक्षक न केवल अकादमिक ज्ञान प्रदान करता है, (Diet Ding) बल्कि नैतिक मूल्यों को भी सांझा करता है और नैतिकता को आत्मसात करता है, जो हमारे व्यक्तित्व को एक बेहतर इंसान के रूप में आकार देता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में शिक्षक की भूमिका कुछ अलग है। आज के समय में शिक्षकों के पास एक से बढ़कर एक तकनीक है, जिससे वे बच्चों को और ज्यादा प्रभावशाली तरीके से पढ़ा सकते हैं।
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पूनियां ने कहा कि शिक्षकों की तुलना अक्सर हमारे समाज के निर्माण खंडों से की जाती है, जो हमें ज्ञान और ज्ञान की एक मजबूत नींव रखने में मदद करते हैं, जिस पर हम अपने जीवन और करियर का निर्माण करते हैं। यह सम्मानित पेशा अक्सर दूसरों के बीच सबसे सम्मानजनक में से एक के रूप में गिना जाता है, (Diet Ding) क्योंकि यह शिक्षक हैं, जो दूसरों के विकास में काम करते हैं। दूसरों को ज्ञान से समृद्ध करने और उनका मार्गदर्शन करने जैसे व्यक्तित्व गुणों के लिए कोई व्यक्ति स्वभाव से शिक्षक भी हो सकता है न कि पेशे से। इस अवसर पर शीला रानी, रोशनलाल कंबोज, संजय रेवड़ी, देवीलाल, गुरादित्ता, सुखपाल फौगाट, सुनील कुसुम्बी, सुमित मुन्ना, सज्जन फौजी, सुभाष बैनीवाल उपस्थित थे।