लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा के तिरंगा अभियान पर एक बार फिर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री और अपमान किया जा रहा है। यह ध्वज जहां करोड़ों भारतीयों के लिए आन-बान शान का प्रतीक है वहीं भाजपाइयों के लिए यह बेचने का सामान है। वहीं रामनगरी में तिरंगे के अपमान को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के ट्वीट को महापौर रिषिकेश उपध्याय ने तुच्छ राजनीति बताया है। उन्होंने कहाकि तिरंगे पर भी राजनीति करना अच्छी बात नहीं है।
महापौर का यह बयान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ट्वीट पर आया है, जिसमें उन्होंने रामनगरी में तिरंगे का अपमान करने का उल्लेख करते हुए वीडियो पोस्ट की है, जिसमें तिरंगे को नगर निगम के एक वाहन में लाकर बांटते हुए दिखाया गया है।
सपा के पूर्व के पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ने बताया कि राम नगरी में निकली तिरंगा यात्रा की अगुवाई स्वयं महापौर कर रहे थे। तिरंगे को जिस गाड़ी में लाया गया वह कूड़ा उठाने वाली गाड़ी थी। यह तिरंगे का अपमान नहीं तो और क्या है। इस मामले से सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अवगत कराया गया है।
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर शनिवार को रामनगरी में महापौर की अगुवाई में तिरंगा यात्रा निकाली गई थी। महापौर उपाध्याय ने इस प्रकरण पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह समाजवादी पार्टी की तुच्छ राजनीति का हिस्सा है। तिरंगे का सम्मान सर्वोपरि है। सपा प्रमुख का आरोप निराधार है।
अखिलेश ने कहा, भाजपा हर बात पर दुकान लगाना बंद करे : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा राष्ट्रध्वज के गौरव के साथ खिलवाड़ शर्मनाक और निंदनीय है। अपने ट्वीट में भी उन्होंने इस बात को दोहराते हुए चेताया है कि भाजपाई हर बात पर दुकान लगाना बंद करें।
अखिलेश यादव ने कहा कि चित्रकूट में भाजपा जिलाध्यक्ष तो पैरों के पास राष्ट्रध्वज रखे दिखे है। लखीमपुर में भाजपा विधायक और इटावा में भाजपा नेता तिरंगे को ढंग से पकड़ना भी नहीं जानते हैं। राष्ट्रध्वज के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार अक्षम्य है।