Swami Atmanand Puri Maharaj- सिरसा। ।(सतीश बंसल इंसां )जैसे पानी का अपना कोई रंग नहीं होता और उसमें जो भी रंग मिला देंगे, पानी उसी रंग का हो जाता है। ठीक वैसे ही मनुष्य के आचरण और व्यवहार पर संगति का बहुत असर पड़ता है। अत: हमें अपने संग का बहुत ध्यान रखना चाहिए और बुरे, आसुरी स्वभाव वाले, नकारात्मक सोच वाले लोगों से बचते हुए अच्छे लोगों, संतों, महापुरुषों की संगति में रहने का प्रयास करना चाहिए। उक्त विचार शिव शक्ति योग मिशन द्वारा आयोजित किए जा रहे शिव महापुराण ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन कथा वाचक श्री श्री 1008 स्वामी आत्मानंद पुरी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए।
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विश्व बंधु गुप्ता ने बताया कि आज कथा में मुख्य अतिथि समाजसेवी वीर भान मेहता ने ज्योत प्रज्वलित की तथा स्वामी जी को सम्मानित कर उनसे आशीर्वाद लिया। अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी स्वामी जी को सम्मानित करते हुए उनसे आशीर्वाद लिया। स्वामी जी ने कहा कि हम सभी में शिव तत्व विराजमान है और भगवान भोलेनाथ शिवलिंग पर जल, पुष्प और बेलपत्र चढ़ाने से ही खुश हो जाते हैं। कुबेर जी की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि एक जन्म में कुबेर आसुरी प्रवृत्ति वाला बन जुए, मधपान तथा अन्य खराब आदतों का आदि बन गया था। पर शिव रात्रि वाले दिन अनजाने में व्रत रखने, शिव कथा, पंचाक्षर मंत्र ऊं नम: शिवाय सुनने व दीप दान करने पर ही भगवान शिव प्रसन्न हो गए और उसका कल्याण कर दिया और कुछ जन्मों बाद उसे देवताओं के खजाने का अधिपति बना दिया। (Swami Atmanand Puri Maharaj)
अत: सभी को भगवान शिव का स्मरण करते हुए अपने जीवन को धन्य करना चाहिए। आज की कथा में शिव पार्वती के विवाह का प्रसंग भी सुनाया गया और शिव पार्वती विवाह की सुन्दर झांकी प्रस्तुत की गयी। खचाखच भरे हाल में सभी श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर नृत्य करते हुए शिव विवाह का आनंद लिया। इस अवसर पर प्रधान सुशील गोयल, सचिव कीर्ति बंसल, प्रकल्प प्रमुख अमित बंसल, पंकज बंसल, निर्मल कंदोई, हमेश गर्ग, डा. एस एल अग्रवाल, रमेश जमालिया, सुमन मित्तल, योगेश गर्ग, उजाला राम, इंदर कुमार बंसल, राजकुमार महिपाल, पवन शर्मा, गीताश शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा, सुभाष गुप्ता, सुभाष जिंदल तथा विश्व बंधु गुप्ता उपस्थित थे।
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