केंद्रीय राज्य मंत्री, आयुष, डा0 मुंजपरा महेन्द्रभाई ने शनिवार को (Munjpara Mahendrabhai) अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, माता मनसा देवी, पंचकुला के परिसर में निर्माणाधीन राष्ट्र्ीय आयुर्वेद संस्थान (एन0आई0ए0) का दौरा किया। ज्ञान चंद गुप्ता स्पीकर, हरियाणा विधानसभा, डा0 साकेत कुमार, महानिदेशक आयुष हरियाणा और प्रोफैसर संजीव शर्मा, कुलपति, एनआईए जयपुर ने डा0 मुंजपरा महेन्द्रभाई का स्वागत किया एवं इस संस्थान की मुख्य विशेषताओं की भी जानकारी दी। इस उल्लेखनीय परियोजना के लिए पंचकुला को चुनने के लिए आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली को धन्यवाद दिया। इस संस्थान द्वारा विभाग आम जनता के लिए सर्वाेत्तम सेवाएं प्रदान कर सकता है और बड़े पैमाने पर आयुर्वेद को बढ़ावा दे सकता है। तत्पश्चात् उन्होंने माता मनसा देवी के दर्शन और पूजा अर्चना की।
डा0 मुंजपरा महेन्द्रभाई ने दौरे के उपरान्त स्पीकर विधानसभा, हरियाणा की उपस्थिति में आयुष मंत्रालय के अधिकारियों, आयुष विभाग, हरियाणा और अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों, एनआईए जयपुर के अधिकारियों, वैपकोस (पीएमसी) के अधिकारियों और ठेकेदार के साथ बैठक की। (Munjpara Mahendrabhai) बैठक में एनआईए जयपुर के अधिकारियों, वैपकोस (पीएमसी) के अधिकारियों ने निर्माणाधीन राष्ट्र्ीय आयुर्वेद संस्थान (एन0आई0ए0) के बारे मुख्य विशेषताओं की भी जानकारी मंत्री जी को दी गई। केंद्रीय राज्य मंत्री द्वारा कुछ महत्वपूर्ण और इस संस्थान के कार्य को समय पर पूर्ण करने बारे आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने राष्ट्र्ीय आयुर्वेद संस्थान (एन0आई0ए0),पचकूला के लिए भूमि उपलब्ध करवाने हेतू मुख्यमंत्री मनोहर लाल, ज्ञान चंद गुप्ता, स्पीकर, हरियाणा विधान सभा तथा माता मनसा देवी श्राईन बोर्ड, पंचकूला का धन्यवाद किया। इसके अतिरिक्त इस संस्थान के निर्माण में सहयोग के लिए भी हरियाणा सरकार, आयुष विभाग हरियाणा का धन्यवाद किया ।
एनआईए पंचकुला का संक्षिप्त विवरण
माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड, पंचकूला द्वारा प्रदान की गई 19.87 एकड पवित्र भूमि पर नैदानिक अनुसंधान की सुविधा के लिए 250 बिस्तरों वाला रेफरल अस्पताल स्थापित किया जा रहा है। कुल निर्मित क्षेत्र 59,766.79 वर्ग मीटर है। इस संस्थान में 15 अंतः विषय अनुसंधान प्रयोगशालाओं के साथ 16 स्पेशलिटी विभाग और 25 कंसल्टेंसी क्लीनिक होंगे। अस्पताल आधुनिक नैदानिक उपकरणों और तकनीकों से सुसज्जित होगा, जिनका उपयोग शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान में किया जाएगा। यह संस्थान आयुर्वेद में वैश्विक प्रचार और (Munjpara Mahendrabhai) अनुसंधान के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सहयोगी केंद्र भी होगा। अस्पताल में प्रस्तावित विभागों में काया चिकित्सा, शल्य, शालाक्य, कौमारभृत्य, द्रव्यगुण, रसशास्त्र, रोगनिदान, मौलिक सिद्धांत, शारीर क्रिया, शरीर रचना, स्वस्थवृत्त, अगद तंत्र, पंचकर्म, जैव चिकित्सा विज्ञान, औषधि परीक्षण प्रयोगशाला एवं गुणवत्ता नियंत्रण हैं। परियोजना में ओपीडी सुविधाएं, 250 बिस्तरों का एक आईपीडी, कॉलेज कम प्रशासनिक भवन और अन्य आवासीय/गैर-आवासीय भवन आदि होंगे।
परियोजना के लाभ एवं विशेषताएं
परियोजना से आसपास के क्षेत्र का विकास होगा जिससे आसपास रहने वाले लोगों का आर्थिक विकास होगा एवं आमजन को चिकित्सा सुविधा का लाभ मिलेगा।
आयुर्वेद में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट शिक्षा के मानदंड स्थापित करना और आयुर्वेदिक चिकित्सा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना।
नैदानिक अनुसंधान के लिए सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक अस्पताल (Munjpara Mahendrabhai) स्थापित करना।
शिक्षा और अनुसंधान के उच्चतम स्तर पर मानक बनाना ताकि अन्य संस्थान एक मॉडल के रूप में चयन कर सकें।
आधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए मुख्य रूप से आयुर्वेद के मौलिक सिद्धांतों के सत्यापन पर केंद्रित अंतःविषय अनुसंधान करना।
ये भी पड़े – क्या आप कलाकार बनाना चाहते है ? क्या आप फिल्म जगत में अपना नाम बनाना चाहते है?
आयुर्वेद दवाओं और औषधि विकास का मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण।
प्राचीन ज्ञान और आधुनिक निदान, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के (Munjpara Mahendrabhai) लाभों के बीच तालमेल बिठाना।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में विभिन्न अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के साथ सहयोगी अनुसंधान को बढ़ावा देना।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक आदर्श केंद्र के रूप में कार्य करना।
परियोजना की लागत – 270.54 करोड़ रुपये।
संस्थान पूर्ण होने की संभावित तिथि- उक्त परियोजना के पूरा होने की लक्ष्य तिथि सितंबर, 2023 है।