आयुष विभाग में उत्तर प्रदेश सरकार को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट (SC) ने विभिन्न पाठ्यक्रमों की (Ayush Scam) प्रवेश प्रक्रिया में धांधली के आरोपों की CBI जांच कराने के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के इस आदेश को चुनौती दी है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक
जस्टिस दीपांकर दत्ता और मनोज मिश्रा की अवकाशकालीन खंडपीठ ने सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर आंशिक रूप से रोक लगाई है। खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सालीसिटर जनरल एमके नटराज के नोट के बाद सीबीआइ की जांच को स्थगित कर दिया।
CBI को केस दर्ज करने के थे निर्देश
लखनऊ बेंच के आदेश में सीबीआइ को केस दर्ज करने को कहा गया था। साथ ही उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री धरम सिंह सैनी, आयुष विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी और अन्य के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोपों की जांच के आदेश दिए गए थे। (Ayush Scam) हाई कोर्ट ने सीबीआइ को एक अगस्त तक एक स्टेटस रिपोर्ट भी देने को कहा था। हाई कोर्ट ने सीबीआइ जांच का यह आदेश डा. ऋतु गर्ग की जमानत को मंजूर करते हुए दिया था।
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कालेजों की एडमिशन प्रक्रिया में धांधली के आरोप
उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) मौजूदा समय में आयुष एडमिशन घोटाले की जांच कर रही है। हाल ही में मीर्जापुर में संतुष्टि आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज की निदेशक डा. ऋतु गर्ग को गिरफ्तार कर लिया गया था। (Ayush Scam) वर्ष 2019 में प्रदेश में आयुष विभाग के विभिन्न कालेजों की एडमिशन प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगे थे. हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने आयुष घोटाले में उत्तरप्रदेश सरकार को राहत देते हुए मामले पर चल रही CBI जांच पर रोक लगा दी हैं|