देहरादून: कश्मीर में सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए आतंकवादी इदरीश अहमद डार ने चार साल देहरादून में पढ़ाई की। वर्ष 2021 में उसने सेलाकुई स्थित एक शिक्षण संस्थान से होटल मैनेजमेंट में स्नातक किया था। इसके बाद वह कश्मीर चला गया। खुफिया विभाग अब उसके देहरादून में रहने के दौरान के संपर्कों की जानकारी जुटा रहा है। हालांकि, अब तक यह बात पुख्ता नहीं हो पाई कि वह पहले से ही आतंकवादी संगठनों से जुड़ा हुआ था, या फिर यहां से जाने के बाद शामिल हुआ।
खुफिया तंत्र भी सतर्क
सोमवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों ने लश्कर के दो आतंकियों को मार गिराया था। इनमें से एक इदरीश अहमद डार भी था। आतंकवादी इदरीश अहमद का कनेक्शन जैसे ही देहरादून से जुड़े तो खुफिया तंत्र भी सतर्क हो गया। खुफिया विभाग ने देहरादून में उस संस्थान का पता लगा लिया है, जहां से उसने स्नातक की पढ़ाई की थी।
देहरादून में किसी से संपर्क नहीं हुआ
सूत्रों की मानें तो वर्ष 2021 में इदरीश डिग्री हासिल करने के बाद कश्मीर लौट गया था। इसके बाद उसका देहरादून में किसी से संपर्क नहीं हुआ। उसके साथ जिन छात्रों ने पढ़ाई की थी, वे भी सभी अलग-अलग जगह नौकरी पर चले गए हैं। वह देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र में कहां रहता था, इसका पता भी लगाया जा रहा है।
कश्मीरी छात्रों के सत्यापन में भी समस्या
कश्मीर से पढ़ाई करने के लिए उत्तराखंड आने वाले छात्रों का यहां की पुलिस सत्यापन करती है। मगर जब उनके पते की पुष्टि कराने के लिए वहां की पुलिस से संपर्क किया जाता है तो कोई जवाब नहीं मिलता। ऐसे में छात्रों के सत्यापन की कार्रवाई पूरी नहीं हो पाती।
उत्तराखंड में जो भी कश्मीरी छात्र रह रहे हैं, उन्हें पुलिस की ओर से चिह्नित किया जाता है। विभाग की पूरी कोशिश रहती है कि ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों पर नकेल कसी जाए। कई बार छात्रों का पहले कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं रहता है और यहां से जाने के बाद वह आतंकी संगठनों में शामिल होते हैं।
– अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड