डिंग। ।(सतीश बंसल) राज्य शैक्षिक (Teachers) अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, गुरुग्राम द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) डिंग में बुधवार को जिला के सिरसा के नाथूसरी चौपटा व सिरसा खंड के टीजीटी सामाजिक विज्ञान व खंड रानियां, बड़ागुढ़ा, ओढ़ां व ऐलनाबाद के टीजीटी संस्कृत के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ। संस्थान के प्रवक्ता सुरेंद्र नूनियां ने बताया कि उक्त शिविर में प्राध्यापक सोहनलाल, अशोक कुमार, कुलदीप यादव, लखबीर सिंह व वर्षा ने सामाजिक विज्ञान तथा प्राध्यापक डाण् चरण सिंह, मुकेश भाटी व राजकुमार ने संस्कृत की मास्टर ट्रेनर के रूप में भूमिका निभाई। समापन अवसर पर संस्थान के प्राचार्य कपिल कुमार पूनियां ने अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिक युग में एक अध्यापक की भूमिका कुछ अलग है। आज के समय में अध्यापकों के पास एक से बढ़ कर एक तकनीक है, उसका फायदा उन्हें छात्रों के शिक्षण कार्य में करना चाहिए ताकि छात्र भी समय की मांग के अनुसार पारंगत हो सके।
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उन्होने कहा कि आज के समय में अध्यापकों (Teachers) को गुणवान होना बहुत जरूरी है, ताकि वे अपने पेशे से न्याय कर पाएं और छात्रों का सर्वांगीण विकास करने में सहयता मिले। प्रशिक्षण शिविर के प्रभारी संस्थान के विषय-विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ने कहा कि एक शिक्षक वह व्यक्ति होता है, जो एक छात्र के जीवन को ढालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुछ शिक्षक जीवन की कुछ समस्याओं की कुंजी के रूप में आपकी स्मृति में रहते हैं। एक शिक्षक न केवल अकादमिक ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि नैतिक मूल्यों को भी साझा करता हैए और नैतिकता को आत्मसात करता है, जो हमारे व्यक्तित्व को एक बेहतर इंसान के रूप में आकार देता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में शिक्षक की भूमिका कुछ अलग है। इस अवसर पर शीला रानी, रोशनलाल कंबोज, शीशपाल बीआरपी, देवीलाल, सुखपाल फोगाट, गुरुदित्ता, सुनील कुसुम्बी, सुमित कुमार, सुभाष बैनीवाल उपस्थित रहे।
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