मणिपुर में पिछले कई दिनों से हिंसा का माहौल बना हुआ हैं. (Kakching) हिंसा के दौरान 98 लोगो की जाने जा चुकी हैं. इसके बावजूद मणिपुर में हालात सामान्य नहीं हो रहे हैं। ताजा मामला मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगनू से सामने आया है। जहां गुस्साए ग्रामीणों द्वारा एक कैंप में आग लगा दी गई।
कांग्रेस विधायक का घर जलाया
बताया जा रहा है कि इस कैंप में यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (UKLF) के उग्रवादी सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ठहरे हुए थे। पुलिस ने सोमवार यानी आज (5 जून) को जानकारी देते हुए बताया कि मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगनू से कांग्रेस विधायक रंजीत के आवास के साथ-साथ कम से कम 100 घरों को आग लगा दी गई है।
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सुरक्षाबलों ने चलाया था अभियान
पुलिस ने बताया कि पिछले दो दिनों से उग्रवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच गोलीबारी हुई है। आगजनी की घटनाओं से पहले बीते रविवार को भारतीय रिजर्व बटालियन और सीमा सुरक्षा बल के साथ राज्य पुलिस ने उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाया था, (Kakching) जिसके बाद सभी उग्रवादी अपने शिविर से भाग गए।
ग्रामीणों ने कैंप को किया आग के हवाले
हालांकि, बाद में ग्रामीणों ने बीते रविवार रात शिविर को आग के हवाले कर दिया, जिसमें नए भर्ती हुए कुकी उग्रवादियों के लिए प्रशिक्षण सुविधाएं भी शामिल हैं। इसके साथ ही रविवार को पश्चिमी इंफाल जिले के फायेंग से भी भीषण गोलीबारी की खबरें मिली थी। इस दौरान कुकी उग्रवादियों ने एक कारखाने में आग लगा दी थी।
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लांगोल में कुछ घरों को लगाई आग
पुलिस ने बताया कि एक अन्य घटनाक्रम में अज्ञात लोगों ने रविवार को इंफाल पश्चिम जिले के लांगोल में कुछ घरों में आग लगा दी। आपको बता दें कि मणिपुर में एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 98 लोगों की जान चली गई थी और 310 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। (Kakching) इसके अलावा कुल 37,450 लोगों ने वर्तमान में 272 राहत शिविरों में शरण ली है।
3 मई को भड़की थी राज्य में हिंसा
उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़प हुई थीं। मेइती समुदाय मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं। (Kakching) राज्य में शांति बहाल करने के लिए करीब 10,000 सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है. ताकि, फिर हिंसा न हो सके ओर लोगो के बीच शांति का माहौल बना रहे|