पंचकूला 13 अप्रैल 2023। विश्वास फाऊंडेशन ने वीरवार को विश्वास जगत के सूर्य और संस्थापक, प्रात: स्मरणीय गुरुदेव श्री स्वामी विश्वास जी का जन्मोत्सव बड़े श्रद्धाभाव के साथ मनाया। इस उपलक्ष्य में सुबह और शाम को बीकेएम विश्वास स्कूल सेक्टर-9 पंचकूला में मेडिटेशन व सत्संग के विशेष सेशन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम स्कूल के मेडिटेशन हॉल में बहुत ही भव्य वातावरण में संपन्न हुआ जहां पूरा समय पिन-ड्रॉप साइलेंस रही यानी हरेक साधक गुरुदेवश्री की दिव्य मेडिटेशन पॉजीटिव वाइब्रेशंस का सुखद अहसास कर पा रहा था। इस कार्यक्रम में विश्वास फाऊंडेशन से जुड़े चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली व आसपास के अनुयायियों ने हिस्सा लिया। दोनों सेशन्स के बाद सभी के लिए प्रीतिभोज का प्रबंध किया गया था। (Birth Anniversary)
ये भी पड़े – जिलाधीश डाॅ प्रियंका सोनी ने जिलावासियों से कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करने की करी अपील|
दोनों सेशन्स में गुरुदेव के प्रवचनों में विश्वास फाऊंडेशन के मूल मंत्र ओम गुरवे नम: का जाप करते रहने के साथ सेवा और साधना को जीवन का आधार बनाए रखने पर जोर दिया गया। गुरुदेव ने कहा कि जो भी अनुयायी खुद को सेवा और साधना के साथ जोड़े हुए, जीवनपर्यन्त न कभी दुखी होगा और न ही किसी असाध्य रोग से घिरेगा। मेडिटेशन परमात्मा की अलौकिक शक्ति और पूरी तरह से फ्री है। गुरुदेव ने कहा कि सुबह-शाम कुछ देर के लिए एकांत में बैठकर मेडिटेशन, साधना करने वाला मानसिक रोगों के अलावा बहुत सी बीमारियों से बचा रह सकता है। दुनियावी विचारों से खुद को अलग करते हुए साधना में बैठने का मतलब अपने तीसरे नेत्र को जागृत करते हुए भीतर बैठे परमात्मा से सीधे मिलना यानी हर खुशी को प्राप्त करना है। गुरुदेव ने सेवा कार्यों को बढ़ाए रखने का आह्वान करते हुए कहा कि सेवा करने से सामने वालों को न सिर्फ मदद मिलती बल्कि खुद को भी सुकून महसूस होता है।
ये भी पड़े – क्या आप कलाकार बनाना चाहते है ? क्या आप फिल्म जगत में अपना नाम बनाना चाहते है?
जितना समय हम लोग सेवा में रहते, वो भी एक किस्म की साधना ही है। विश्वास फाऊंडेशन की अध्यक्षा सती साध्वी नीलिमा विश्वास ने अनुयायियों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुदेवश्री ने ताउम्र जिस सोच को जीवंत रखा, उस पताका को और आगे लेकर जाना है। जिन अनुयायियों ने गुरुदेव का दिया पीतांबर धारण किया उनकी जिम्मेदारी बनती है कि सेवा और साधना की सोच को अपने जीवन का निरंतर हिस्सा बनाए रखें और ये भी सच है कि जो लोग अपने गुरु का पल्लू नहीं छोड़ते, उन्हें गुरुदेव भी बीच मंझदार नहीं छोड़ते यानी वे लोग उम्रभर परेशानियों से दूर, स्वस्थ-संपन्न और निरोगी बने रहते हैं। (Birth Anniversary)