नई दिल्ली। चीनी कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के भारत छोड़कर भाग जाने की आशंका है। ईडी ने एक दिन पहले ही मनी लांड्रिंग की जांच के सिलसिले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में वीवो और उसकी सहयोगी कंपनियों के 44 ठिकानों पर छापे मारे थे और तलाशी ली थी। सूत्रों ने बताया कि झेंगशेन ओयू और झांग जी (Zhengshen Ou and Zhang Jie) के बुधवार को भारत से बाहर चले जाने का शक है। मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के डर से इन दोनों अधिकारियों के नेपाल के रास्ते भारत से भागने की आशंका जताई जा रही है।
कानून के अनुपालन करने के लिए हैं प्रतिबद्ध: वीवो प्रवक्ता
सूत्रों ने यह भी बताया कि कंपनी के खिलाफ सीबीआइ की जांच भी चल रही है। रिपोर्ट के अनुसार बीजिंग में बुधवार को नियमित प्रेस कांफ्रेंस में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने कहा कि चीन को भरोसा है कि भारत इस मामले की जांच कानून के अनुसार करेगा और कंपनी को पूरी तरह से ‘निष्पक्ष’ और ‘बिना किसी भेदभाव’ वाला कारोबारी माहौल उपलब्ध कराएगा। झाओ ने यह भी कहा कि चीन सरकार ने हमेशा चीनी कंपनियों को विदेश में व्यापार करते समय कायदे-कानून का पालन करने के लिए कहा है। हम अपनी कंपनियों के कानून सम्मत अधिकार और हितों की रक्षा के लिए पूर्ण रूप से उनका समर्थन करते हैं।’
47 हजार रुपसे संदेह के दायरे में
गौरतलब है कि पिछले चार-पांच सालों में विवो कंपनी द्वारा चीन को भेजे गए 47 हजार रुपये संदेह के दायरे में है। इसमें नामों पर बनाई गई पेपर या शेल (मूखौटा) कंपनियों के मार्फत की गई अवैध कमाई का हो सकता है। मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत विवो के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद ईडी मंगलवार को 44 स्थानों पर छापा मारा।