ऐसा खिलाड़ी जिसकी स्पीड ब्रूसली से भी तेज है और जो स्पीड बॉक्सिंग में वर्ल्ड (World) का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना चुके हैं। हम आपको एक ऐसे खिलाड़ी की कहानी बताने जा रहे हैं जिनकी कहानी सबसे यूनिक है जिसके माता पिता मजदूर थे जो मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते थे । उनका रोज का कमाना रोज का खाना होता था। कभी-कभी ऐसा होता था कि एक टाइम का खाना भी कभी कभी नहीं बन पाता था।
उस खिलाड़ी के पास ना तो कोच की कोई सुविधा थी और ना ही अच्छी टाइट होती थी। यहां तक कि उनके पास खेलने के लिए, दौड़ने के लिए और पहनने के लिए ड्रेस भी नहीं होती थी फिर भी अपने जुनून को बरकरार रखने के लिए रोज अपने पिता जी के साथ अभ्यास करता था। इस खिलाड़ी का नाम है, “महावीर विनोद राणा”। विनोद अपने पेशन को बरकरार रखने के लिए पिताजी के साथ भी मजदूरी करता था और समय निकालकर अपना अभ्यास भी करता था।
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किसी तरह का कोई सपोर्ट नहीं था फिर भी खुद की मेहनत से और अपने माता-पिता के आशीर्वाद से विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। वह एक के बाद एक विश्व स्तर पर और अंतरराष्ट्रीय (World) स्तर पर भारत को गोल्ड मेडल देता रहा फिर भी उसे कोई सुविधा नहीं, कोई कोच भी नहीं। फिर भी अपने देश के सम्मान के लिए, नाम के लिए खेलता रहता है, खेलता रहता है। आपको बता दें कि महावीर विनोद राणा ने बिना कोच के ट्रेनिंग के विश्व कप में गोल्ड मेडल दिए हैं और विश्व का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया है जो अब तक किसी ने नही बनाया ( एक मिनट में 430 पंच)।
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अब महावीर विनोद राणा विश्व कप और एशियन गेम्स में खेलकर भारत को फिर से मेडल देने के लिए 8 घंटे रोजाना पसीना बहा रहे हैं। कृष्णा तिवारी नाम के एक लेखक ने इनसे प्रभावित होकर महावीर विनोद राणा के ऊपर एक बायोपिक भी लिख रहे हैं जो अंतरराष्ट्रीय मार्किट में सभी देखने को मिलेगी। इनकी कहानी और खिलाड़ियों से बहुत ही अलग है जो कभी कभी ही सुनने और देखने को मिलेगी। ऐसे खिलाड़ी भी जीवन में कभी कभी ही देखने और सुनने को मिलते हैं। अब उनके भी बच्चे जो एक 6 साल का लड़का और एक 9 साल की भी राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी है जो 31 जुलाई को गोवा में होने वाली राष्ट्रीय (World) चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगे।
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